पुणे से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जहां एक नाबालिग ने पोर्श कार से 2 बाइक सवारों की जान ले ली। नाबालिग ने शराब पी रखी थी जिसके कारण नशे में उससे ये एक्सीडेंट हो गया। नाबालिग एक स्टेट डेवलपर का बेटा है। पोर्श कार पिता विशाल अग्रवाल के नाम रजिस्टर्ड थीं जिसके कारण पिता को गिरफ्तार किया गया।
नाबालिग को हिरासत में ले लिया गया और अर्जी लगाई गई कि इस पर केस एक एडल्ट (adult) की तरह चलाया जाए लेकिन कोर्ट ने अर्जी को ख़ारिज कर दिया।
– आरोपी को 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करना होगा.
– आरोपी को मनोचिकित्सक से इलाज कराना होगा.
– आरोपी को ‘सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव और इसके समाधान’ विषय पर 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा.
– नशामुक्ति केंद्र में पुनर्वास.
– यातायात नियमों का अध्ययन कर उस पर किशोर न्याय बोर्ड को प्रेजेंटेशन देना होगा.
– अगर आरोपी भविष्य में कोई भी दुर्घटना देखता है, तो उसे पीड़ितों की मदद करनी होगी.
नाबालिग को हिरासत में लेने के 14 घंटे के अंदर कुछ शर्तों के तहत बेल दे दी गई। बेल की शर्तें हैं-

 

 

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