जिले में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर किसानों में जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वाले किसानों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। यह सकारात्मक बदलाव सरकार और जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए जागरूकता अभियानों का परिणाम है, जिससे किसानों को पराली जलाने के विकल्पों के प्रति संवेदनशील और जागरूक किया है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ पवन शर्मा ने बताया कि उपायुक्त डॉ० मनेाज कुमार के दिशा-निर्देशन में जिले में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर प्रभावी तरीके से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के बेहतर परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा दी जा रही एक हजार प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि के लिए जिला के 11 हजार 269 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है जिसके तहत 94 हजार 857 एकड़ कृषि भूमि का रजिस्ट्रेशन हुआ है।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से किसानों को पराली प्रबंधन करने के लिए जोर दिया जा रहा है। पराली का इन सीटू तथा एक्स सीटू प्रबंधन करने वाले किसानों को सरकार द्वारा प्रति एकड़ एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस स्कीम का लाभ लेने के लिए आखिरी तारीख 8 दिसंबर थी। उन्होंने कहा कि किसान पराली प्रबंधन को लेकर जागरूक हो रहे हैं जो बेहद सकारात्मक है। किसानों को अधिक से अधिक जागरूक करने के लिए निरंतर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ग्राम स्तर की टीमें किसानों को जागरूक कर रही हैं और उन्हें फसल अवशेष प्रबंधन के लाभ तथा पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बता रही हैं।
बीते वर्ष की तुलना में दोगुना से अधिक बढ़े किसान
उपनिदेशक डॉ पवन शर्मा ने बताया कि बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष दोगुना से अधिक किसानों ने इस स्कीम के तहत रजिस्ट्रेशन करवाया है। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष जिले में करीब 05 हजार 221 किसानों ने करीब 50 हजार 493 एकड़ का फसल अवशेष प्रबंधन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था। इन किसानों को सरकार द्वारा लगभग 05 करोड़ 04 लाख 93 हजार की राशित वितरित की गई। उन्होंने बताया कि किसान लगातार जागरूक हो रहे हैं जो पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से बेहद अहम है। बीते साल की तुलना में इस वर्ष अधिक आवेदन जमा हुए हैं जो जागरूकता अभियान का परिणाम है।