डिग्री महज एक कागज का टुकड़ा है. इससे आपका भविष्य तय नहीं हो सकता. इस बात को साबित किया है मध्य प्रदेश के अमन कालरा ने . 20 साल के अमन महज 8 वीं पास है. लेकिन, दिमाग के मामले में बड़ी-बड़ी डिग्री धारियों को पीछे छोड़ते है. उनके पास साइंटिस्ट का दिमाग है जिससे अमन ने कुछ ऐसा कमाल कर दिया है, जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है. हर तरफ उनकी ही चर्चा है
खरगोन जिला मुखालय से लगभग 85 km दूर गांव बासवा के रहने वाले अमन ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया है. जिसमें दुनिया की कोई भी गन अटैज की जा सकती है और ब्लूटूथ के जरिए मोबाइल से ऑपरेट करके 5 Km दूर से भी ऑब्जेक्ट पर निशाना लगाया जा सकता है. खास बात यें है की इस रोबोट को बनाने में कबाड़ के वेस्ट मटेरियल का इस्तेमाल किया गया है.
अमन कालरा ने बताया कि जंग के मैदान में हमारे देश के सैकड़ों जवान शहीद हो जाते है. यें रोबोट जंग के मैदान में हमारे जवानों की सुरक्षा करने के काम आएगा . साथ ही ये रोबोट 5 Km दूर से ही दुश्मन को ट्रैक करके उसका काम तमाम कर सकता है . इस रोबोट को किसी भी मोबाइल से आसानी से ऑपरेट किया जा सकता हैं. ब्लूटूथ के साथ इसमें स्पेशल डिवाइस लगाई है. जिसमें जवान एक ही जगह से मोबाइल से 5 किमी की रेंज में रोबोट को कैमरे लगाकर ऑपरेट कर पाएंगे.
पहले ये किए कमाल
इसके पहले अमन ने दो रोबोट, ऑटोमेटिक फायर गन और दिव्यांगों के लिए स्मार्ट चश्मा बना चुके हैं. पहला रोबोट बनाने में नौ महीने लगे, दूसरा रोबोट बनाने में डेढ़ महीना लगा. वहीं फायर गन बनाने में 3 महीने का समय लगा था. जबकि चश्मा केवल 10 दिन में तैयार कर दिया था. स्मार्ट चश्मा 13 फिट दूर से ही दिव्यांग को संकेत देने लगता है.