हरियाणा में पराली जलाने से रोकने में कोताही बरतने वाले 17 अफसर चार्जशीट किए गए हैं। अब तक कुल 394 अफसरों को नोटिस भी जारी किया जा चुका है जिसमे उनसे कारण पूछे गए है। जबकि कृषि विभाग के 26 अफसरों को ससपेंड किया गया है। 23 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट में पराली जलाने के मामले में सुनवाई से दो दिन पहले ही सरकार के निर्देशानुसार एक साथ 24 अफसरों को निलंबित किया गया था।
राज्य कृषि विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक चार्जशीट करने की विभागीय प्रक्रिया है। ड्यूटी में लापरवाही करने वाले अफसर या कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लेने पर चार्जशीट किए जाते हैं। इसमें विभाग के डॉयरेक्टर ही चार्जशीट होने वाले अफसरों के खिलाफ आगे की कार्रवाई पर फैसला लेते हैं। अब चार नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में पराली जलाने को मामले को लेकर अगली सुनवाई है।
राज्य में सोमवार को कुल 11 नए मामले पराली जलाने के आए हैं। जबकि नौ किसानों की मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रेड एंट्री की गई है। सात नई एफआईआर भी दर्ज की गई है। 15 सितंबर से 28 अक्तूबर तक राज्य में पराली जलाने के कुल 723 मामले आ चुके हैं। इनमें कैथल जिले में सबसे ज्यादा पराली जली है। अभी तक 448 किसानों की रेड एंट्री हो चुकी है, जो दो सीजन तक एमएसपी पर अपनी फसल नहीं बेच सकेंगे। पराली जलाने पर अभी तक कुल 216 एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। कैथल में पराली जलाने के 135, कुरुक्षेत्र में 99, अंबाला में 78, करनाल में 78, जींद में 56, फतेहाबाद में 48 और सोनीपत में 47 मामले आ चुके हैं।