हरियाणा के करनाल जिले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का फर्जी परमिशन सर्टिफिकेट दिखाकर एक व्यक्ति से 35.94 लाख रुपये ठग लिये। आरोपियों ने व्यक्ति से दो कंपनियों में लाखों रुपये लगवा दिए लेकिन जब मुनाफा देने का समय आया तब आरोपियों ने पीड़ित को मना कर दिया। जब पीड़ित अपने रुपये लेने के लिए कार्यालय पहुंचा तो आरोपियों ने कहा कि यह उत्तर प्रदेश है तुम्हारा हरियाणा नहीं, कोई रुपया वापस नहीं मिलेगा, जो होता है कर लो।
सेक्टर-13 अर्बन एस्टेट निवासी विवेक चौधरी ने थाना सिविल लाइन पुलिस को बताया कि दीपक ठाकुर व संजय वर्मा नोयडा स्थित बिटेक्स ट्रेम्स होल्डिंग लिमिटेड व एफएक्सयू सॉल्यूशन लिमिटेड चलाते है। उन्होंने 2021 के नवंबर में करनाल के होटल ज्वैल्स में एक सेमिनार कर फोरेक्स ट्रेडिंग की जानकारी दी और बताया कि उनकी कंपनी को इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से बाकायदा लाइसेंस प्राप्त है। उसने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन देकर उसे व मौके पर मौजूद अन्य निवेशकों को बताया कि इस ट्रेडिंग में बहुत ही ज्यादा लाभ है व उनकी कंपनी निवेशकों को आठ प्रतिशत तक मासिक लाभ देती है।
उन्होंने हमें बताया कि उनके कारोबार को कानूनी मान्यता प्राप्त है व उनकी कंपनी लंबे समय से इस क्षेत्र में कार्यरत है। इसके बाद अगस्त 2022 में दोनों आरोपियों ने जिमखाना क्लब करनाल में भी आकर बहुत से निवेशकों को अपनी कंपनी की प्रेजेंटेशन दी व सभी को रिजर्व बैंक से उनकी कंपनी को फोरेक्स में काम करने की परमिशन के सर्टिफिकेट भी दिखाए। इसके बाद वह उनकी बातों में आ गया। उसके साथ कई लोगों ने भी उनकी कंपनी में निवेश किया।
रुपये लगवाते समय दोनों आरोपियों ने उसे कहा था कि वह अपने रुपये जब चाहे कंपनी से निकाल सकता है। जिसके चलते उसने धीरे-धीरे कर 35 लाख 94 हजार 798 रुपये कंपनियों में लगा दिए लेकिन जब उसने अपने रुपये वापस लेने के लिए आवेदन किया तो उसके रुपये नहीं मिले। इसके बाद वह नोएडा स्थित उनके कार्यालय में दीपक ठाकुर व संजय वर्मा से मिलने के लिए गया लेकिन उन्होंने उसे मिलने से मना कर दिया और कि यह उत्तर प्रदेश है तुम्हारा हरियाणा नहीं, कोई रुपया वापस नहीं मिलेगा, जो होता है कर लो। पुलिस ने पीड़ित शिकायत के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पीड़ित ने बताया कि जब उसने आरोपियों से पुलिस में उनकी शिकायत करने को कहा तो उन्होंने 9,84,244 रुपये के तीन चेक दिए लेकिन जब उसने बैंक में चेक लगाए तो बाउंस में हो गए। इसके बाद वह आरोपियों से मिलने के लिए उनके कार्यालय के पास पहुंचा तो देखा कि वहां पर कोई कार्यालय नहीं मिला। ऐसे में उसके पैरों तले जमीन खिसक गई।