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हरियाणा के पलवल में जनस्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एक कर्मचारी की मौत के बाद उसकी पत्नी को विभाग में सरकारी नौकरी मिल गई। इस दौरान मृतक की भाभी भी खुद को उसकी पत्नी बताकर करीब 24 साल तक विभाग से पेंशन लेती रही। इस धोखाधड़ी का खुलासा RTI द्वारा ली गई जानकारी के बाद हुआ है।  

आरटीआई एक्ट 2005 के तहत विभाग से सूचना मांगने वाले व्यक्ति ने सरकार को चूना लगाने वाली दोनों महिलाओं व संबंधित अधिकारियों के खिलाफ जनस्वास्थ्य विभाग के प्रमुख अभियंता से केस दर्ज करवाने की मांग की है।

मिली जानकारी के मुताबिक, जनस्वास्थ्य विभाग में पंप अटेंडेंट रहे बाबूराम की ड्यूटी के दौरान वर्ष 1999 में मौत हो गई थी। विभाग की तरफ से मृतक की पत्नी बबीता को नौकरी दी गई थी। इस मामले में गांव बंचारी निवासी मोहरपाल ने आरटीआई एक्ट के तहत जानकारी मांगी थी। मिली जानकारी के आधार पर विभाग के कार्यकारी अभियंता अमित कुमार ने जांच की। जांच में खुलासा हुआ कि मृतक कर्मचारी की पत्नी बबीता को वर्ष 2001 में अनुकंपा के आधार पर जनस्वास्थ्य विभाग में चौकीदार की नौकरी दे दी गई थी।

 

इसके बाद मृतक की भाभी बीना ने खुद को मृतक बाबूलाल की पत्नी बताते हुए बाकायदा शपथ पत्र देकर विभाग से पेंशन के लिए आवेदन कर दिया। इसके बाद उसकी पेंशन मंजूर हो गई। इस तरह उसने मृतक बाबूलाल के नाम पर पेंशन लेनी शुरू कर दी। जांच में कार्यकारी अभियंता ने खुलासा किया कि दोनों महिलाओं ने मृतक कर्मचारी के नाम पर डबल फायदा लेकर सरकारी खजाने को चूना लगाया है। जांच में विभाग के कई अधिकारियों की इस मामले में संलिप्तता का भी खुलासा हुआ है।

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