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पंजाब के शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन से एक दुखद घटना सामने आई है। 55 वर्षीय किसान रेशम सिंह, जो तरनतारन जिले के पहूविंड गांव का निवासी है, ने सल्फास निगल लिया। किसान नेता तेजबीर सिंह ने बताया कि रेशम सिंह आंदोलन के समाधान में सरकार की नाकामी से नाराज था। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है और उसे पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

जानकारी मिलते ही किसानों ने त्वरित प्राथमिक सहायता दी और रेशम सिंह को अस्पताल भेजा। यह घटना लंगर स्थल के पास हुई थी। इससे पहले, 14 दिसंबर को भी किसान रणजोध सिंह ने सल्फास निगल लिया था, जो दिल्ली कूच न करने देने से नाराज था। चार दिन बाद उसकी मौत हो गई थी।
वहीं, खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत भी नाजुक बनी हुई है। उनका ब्लड प्रेशर लगातार घटता जा रहा है और अब उन्हें बोलने में भी परेशानी हो रही है। डल्लेवाल का अनशन 45वें दिन भी जारी है और डॉक्टरों ने उनकी हालत को गंभीर बताया है।
किसान नेताओं ने आंदोलन को और तेज करने की घोषणा की है। 10 जनवरी को प्रधानमंत्री का पुतला जलाने का निर्णय लिया गया है, जबकि 13 जनवरी को केंद्र सरकार की एग्रीकल्चर मार्केटिंग पॉलिसी के ड्राफ्ट की कॉपियां जलाने की योजना बनाई है।

 

 

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पंजाब सरकार को चेतावनी दी है, और अब 10 जनवरी को इस मामले की अगली सुनवाई होगी। अदालत ने कहा था कि कुछ किसान नेता जानबूझकर हालात को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि पंजाब सरकार सुलह की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।

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