हरियाणा के चरखी दादरी के गांव द्वारका से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है जहां एक राजमिस्त्री ने जिस घर को बनाया। उसी में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. शुरू में परिजनों ने इसे सामान्य मौत मानते हुए बिना पोस्टमार्टम और पुलिस कार्रवाई के अंतिम संस्कार कर दिया. लेकिन बाद में परिजनों को मृतक का नोट मिला, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को शिकायत देकर कानूनी कार्रवाई की मांग की. पुलिस ने दो महिलाओं सहित छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.
पुलिस को दी गई शिकायत में द्वारका निवासी भागवंती ने बताया कि उनके दो बेटे और एक बेटी हैं. उनका 22 वर्षीय बड़ा बेटा राहुल राजमिस्त्री का काम करता था. 28 जनवरी को उन्हें सूचना मिली कि राहुल ने महेन्द्र के प्लॉट में फांसी लगा ली है. वह और उनके पति रविन्द्र अन्य लोगों के साथ महेन्द्र के प्लॉट पर पहुंचे, जहां राहुल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. उन्होंने रात साढ़े 9 बजे गांव के लोगों के साथ अंतिम संस्कार कर दिया. उन्होंने बताया कि परिवार के किसी सदस्य ने पुलिस को इस बारे में कोई सूचना नहीं दी क्योंकि उन्हें किसी पर शक नहीं था.
29 जनवरी को राहुल के सोने की जगह पर उसकी हिसाब-किताब की कॉपी मिली, जिसमें राहुल ने अपने हाथ से लिखा था, “या तो खुदकुशी कर लो, नहीं तो हम तुम्हें मार डालेंगे.” इसमें महेन्द्र, पूजा, विनोद, वेदप्रकाश, सोनू और चन्द्रकलां के नाम लिखे थे और महेन्द्र से 50 हजार रुपये मांगने की बात भी लिखी थी, जो पैसे उसके माता-पिता को देने के लिए कहा गया था. परिजनों ने शिकायत में बताया कि उन्हें पूरा शक है कि महेन्द्र पुत्र रिछपाल, विनोद पुत्र रिछपाल, पूजा पत्नी महेन्द्र, सोनू पुत्र वेदप्रकाश, वेदप्रकाश पुत्र मोहनलाल और चन्द्रकलां पत्नी वेदप्रकाश ने राहुल को बार-बार परेशान करके आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया, जिसके कारण राहुल ने फांसी लगाकर खुदखुशी कर ली.
जांच अधिकारी एएसआई प्रदीप कुमार ने बताया कि सुसाइड नोट मिला है, जिसे कब्जे में लेकर जांच की जा रही है. परिजनों ने शिकायत दी है, जिसके आधार पर नामजद लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई की जा रही है.