शहर में सत नगर स्थित सचखंड गुरुद्वारा में सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन देव का का बलिदान दिवस मनाया गया। श्रद्धालुओं ने उनको नमन किया। अध्यक्षता गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष डा. प्रदीप खानिजौ ने की और संचालन डा. सुरेश सेतिया व कृष्ण दूरेजा ने किया। मुख्य वक्ता गुरुद्वारा के ग्रंथी भाई गुरदीप सिंह ने कहा कि गुरु अर्जन देव को आध्यात्मिक जगत में सर्वाेच्च स्थान प्राप्त है। उनको ब्रह्मज्ञानी भी कहा जाता है। गुरुग्रंथ साहिब में सर्वाधिक वाणी उनकी ही हैं। कुछ असामाजिक तत्वों ने यह भ्रम फैलाया कि ग्रंथ में इस्लाम के खिलाफ लिखा गया है। इस पर मुगल शासक जहांगीर ने उनको यातनाएं देकर हत्या करवा दी थी। वे सच्चाई के रास्ते पर चलने वाले थे। उन्होंने अमृतसर में हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा की नींव एक मुसलमान साईं मियां मीर के हाथों रखवाई। गुरु ग्रंथ साहिब की रचना भाई गुरदास से करवाई और सुखमणि साहिब की रचना स्वयं की। इस अवसर पर महिला सुखमणि समिति और संगत ने सुखमणि साहिब का पाठ किया। बाद में छबील लगाई गई। इस मौके पर पंकज पसरीजा, हिमांशु दुरेजा, गुलशन नारंग, वैभव, कमल दुरेजा, तुषार नारंग, हैप्पी, गौरव तागड़ा, मनप्रीत काव्यांश, महेंद्र नारंग, वीणा, मंजू गिरधर, शशि मग्गो, अलिशा तागडा, अनन्या गिरोतरा मौजूद रहे।