जजपा के पूर्व नेता भूपेंद्र मलिक और पवन खरखौदा भाजपा में शामिल हो गए। चंडीगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में दोनों को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने फटका पहनाकर पार्टी में शामिल करवाया। दूसरी तरफ जजपा के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के पूर्व जिला अध्यक्ष डा. राममेहर राठी ने पार्टी छोड़ दी।
जजपा की टिकट पर भूपेंद्र मलिक ने लोकसभा चुनाव लड़ा था। उन्होंने आठ हजार से कम वोट मिले थे। उन्होंने पार्टी के नेताओं पर भितरघात करने का आरोप लगाकर सात जून को जजपा को छोड़ दिया था। मलिक पहले कांग्रेस में थे। 2019 के विधानसभा चुनाव में बरोदा विधानसभा क्षेत्र से टिकट न मिलने पर कांग्रेस छोडक़र जजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने जजपा से विधानसभा चुनाव लड़ा था और तीसरे स्थान पर रहे थे। अब वे भाजपा में शामिल हो गए।
पवन खरखौदा शुरूआत में कांग्रेस में थे। 2014 के विधानसभा चुनाव में खरखौदा विधानसभा क्षेत्र से टिकट न मिलने पर कांग्रेस को छोडक़र निर्दलीय चुनाव लड़ा था। वे यह चुनाव हार गए थे। उसके बाद वापस कांग्रेस में आए। बाद में कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल हुए थे। 2019 में भाजपा से टिकट न मिलने पर जजपा में शामिल हो गए थे और विधानसभा चुनाव लड़ा था। वे यह चुनाव भी हार गए थे। भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार में पवन को हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम का चेयरमैन बनाया गया था। उन्होंने भी सात जून को जजपा छोड़ दी थी। अब वे भाजपा में शामिल हो गए।