हरियाणा के पहलवान अमन सहरावत ने भारत को 2024 में रेसलिंग का पहला मेडल दिलाया। उन्होंने 57kg वेट कैटेगरी में प्यूर्टो रिको के डरलिन तुई क्रूज को 13-5 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता। अमन ने अपने मेडल को अपने दिवंगत माता-पिता और देश को समर्पित किया। उन्होंने 11 साल की उम्र में माता-पिता को खो दिया था। उनके पिता का सपना था कि बेटा मेडल जीते। 21 साल के अमन भारत के सबसे युवा ओलिंपिक मेडलिस्ट बन गए हैं। भारत ने रेसलिंग में लगातार 5वें ओलिंपिक खेलों में मेडल जीता है। अमन सेहरावत गुरुवार को सेमीफाइनल मैच जापान से हार गए थे। सेमीफाइनल के बाद अमन का वजन बढ़कर 61.5 KG हो गया था, जो उनकी वेट कैटेगरी से 4.5 किलो ज्यादा था। अमन और उनके कोच ने महज 10 घंटे के अंदर 4.6 KG वजन घटाया।इसके लिए रात में डेढ़ घंटे का मैट सेशन किया, जिम में ट्रेडमिल पर एक घंटे तक बिना रुके दौड़ लगाई। अमन के दादा ने कहा कि पोता गोल्ड मेडल से चूक गया, लेकिन ब्रॉन्ज मेडल ले आया। हमें बहुत खुशी हैं, गोल्ड मेडल की कमी को पोता अगले ओलिंपिक में पूरा करेगा।अमन के भाई सतबीर सहरावत ने बताया कि पेरिस ओलिंपिक टिकट क्वालीफाई होते ही अमन ने परिवारवालों से वादा किया था कि वह गोल्ड मेडल जीत कर ही वापस लौटेगा। वह गोल्ड मेडल नहीं जीत पाया, लेकिन ब्रॉन्ज मेडल से उसकी भरपाई हो गई। मेडल आना ही हमारे लिए खुशी की बात है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमन को बधाई देते हुए X पर लिखा, ‘हमारे पहलवानों की बदौलत हमें और गर्व है। पेरिस ओलिंपिक में पुरुषों की फ्री स्टाइल 57 किलोग्राम में कांस्य पदक जीतने के लिए अमन सेहरावत को बधाई। उनकी लगन और दृढ़ता का परिणाम उनको मिला। पूरा देश इस उल्लेखनीय उपलब्धि का जश्न मना रहा है।’

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