हरियाणा के करनाल के एक युवक की बेलारूस में मौत हो गई। युवक डंकी रूट से जर्मनी जा रहा था। रास्ते में उसे पैर में चोट लगी थी। पिता ने घर गिरवी रखकर उसे विदेश भेजा था।
बेलारूस में उसकी मौत के कारण का पता नहीं चला है। युवक की पहचान विशाल निवासी गांव बंदराणा (कैथल) के रूप में हुई है। उसका एक 8 साल का भाई है। परिवार ने सरकार से बेटे के शव को भारत लाने में मदद करने की गुहार लगाई है।
विशाल के पिता वेदप्रकाश ने बताया कि वह दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। विशाल को विदेश भेजना चाहते थे। जिसके लिए उन्होंने औंगद के सरपंच सियाराम, सतपाल, और इटली में रहने वाले अंकित राणा से संपर्क किया। इन तीनों ने मिलकर विशाल को जर्मनी भेजने का वादा किया और इसके लिए उनसे साढ़े 7 लाख रुपए मांगे।
युवक रूस में अटका
विशाल 5 दिसंबर 2023 को घर से निकला और 16 दिसंबर को फ्लाइट से अर्मेनिया पहुंच गया। बीती 16 फरवरी को वह रूस की राजधानी मॉस्को भी पहुंच गया था, लेकिन वो फिर रूस में ही अटका रहा। परिवार के लोग उसे रहने-खाने का खर्चा भेजते रहे। परिवार को उम्मीद थी कि एक दिन उनका बेटा जर्मनी जरूर पहुंचेगा।
22 अगस्त को बेलारूस दूतावास ने कैथल लघु सचिवालय को एक मेल भेजा। जिसमें बताया गया कि विशाल की बेलारूस में मौत हो गई है। मौत कैसे हुई है इसकी जानकारी नहीं दी गई। बेलारूस दूतावास ने मेल में पासपोर्ट नंबर की जानकारी देते हुए कहा कि इसकी पुष्टि करें, वरना बेलारूस सरकार मृतक का अंतिम संस्कार कर देगी।
परिजनों ने मांग रखी है कि विशाल की मौत की जांच की जाए। परिवार का कहना है कि 7 अगस्त को उनके बेटे की मौत हो गई थी, लेकिन एजेंट ने 22 तारीख से उन्हें धोखे में रखा।