मथुरा के वृंदावन में मालगाड़ी पटरी से उतर गई। 26 डिब्बे पटरी से उतर गए। कपलिंग टूटने से डिब्बे एक-दूसरे पर चढ़ गए और फिर पलट गए। मालगाड़ी में कोयला भरा हुआ था। डाउन और अप लाइनों पर कोयले का ढेर लग गया।
दिल्ली-मथुरा का ट्रैक बाधित हो गया। 18 ट्रेनों को डायवर्ट किया गया। हादसे के वक्त मालगाड़ी की स्पीड 55 किलोमीटर प्रति घंटा थी।
DRM और रेलवे के अन्य अधिकारी बचाव दल के साथ मौके पर आए। लोको पायलट शेर सिंह और सहायक लोको पायलट शिव शंकर डरे हुए नजर आए। पायलट शेर सिंह रो रहे थे। उत्तर मध्य रेलवे के GM उपेंद्र चंद्र जोशी ने कहा कि ट्रैक को क्लियर करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इसमें समय लगेगा। इसके लिए 4 क्रेन मंगवाई गई हैं। हादसे की जांच की जाएगी।
रेलवे के लोको पायलट ने बताया कि मालगाढ़ी सूरतगढ़ जा रही थी। हमारी ड्यूटी आगरा से तुगलकाबाद तक थी। उसके बाद दूसरे पायलट और लोको पायलट मालगाड़ी लेकर जाते, लेकिन उससे पहले हादसा हो गया।
आगरा डिवीजन के DRM तेज अग्रवाल ने बताया- मालगाड़ी राजस्थान में सूरत गढ़ पॉवर प्लांट (STPP) जा रही थी। इसमें कोयला लदा हुआ था। कोई साजिश है या नहीं? ये सब हम जांच के बाद ही कह सकते हैं।