Haryana Kisan: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय,(सीसीएसएचएयू) हिसार के सहयोग से हरियाणा के भूमिहीन, बेरोजगार, अशिक्षित ग्रामीण पुरूष व महिला कृषकों को अब मधुमक्खी पालन के प्रति रूचि पैदा करने व छोटी मधुमक्खी पालन इकाई की स्थापना कर इसे स्वरोजगार के रूप में अपनाने में आर्थिक व तकनीकी मदद मिलेगी।

इसके लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच एमओयू हुआ है।

 

विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने आज इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सीसीएसएचएयू के कुलपति की उपस्थिति में और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की तरफ से उत्तरी क्षेत्रीय पाइपलाइन के कार्यकारी निदेशक ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

 

प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा शहद उत्पादन में अग्रणी राज्यों में से एक है। मधुमक्खी पालन क्षेत्रों में हरियाणा राज्य पूरे देश का प्रतिनिधित्व करता है। प्रदेश के भूमिहीन, बेरोजगार, अशिक्षित व कम जोत वाले किसान मधुमक्खी पालन को रोजगार के रूप में अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं।

 

उन्होंने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य कृषकों खासतौर पर महिलाओं में मधुमक्खी पालन को लोकप्रिय बनाकर स्वरोजगार को स्थापित करना है। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन अपनाने से कृषकों व खासतौर महिलाओं के लिए आजीविका के साधन बढ़ेंगे, साथ ही स्वास्थ्य को भी लाभ मिलेगा।

 

हरियाणा में मधुमक्खी पालन में रोजगार के बेहतरीन अवसर हंै। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय किसानों से सीधे तौर से जुडक़र उनके उत्थान में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि खासतौर पर महिला कृषक मधुमक्खी पालन को अपनाकर संतुलित आहार व पोषक तत्व सहित अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं।

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