उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने बच्चों की अटेंडेंस और मिड डे मील से जुड़े रियल टाइम डाटा प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड न करने पर एक्शन लिया है. बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से सख्त एक्शन लेते हुए बाराबंकी जिले के 170 प्राइमरी स्कूलों के टीचरों का वेतन रोक दिया गया है. साथ ही बरेली, बुलंदशहर और मेरठ में भी शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
 पिछले दिनों बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से परिषदीय विद्यालयों के एक दर्जन रजिस्टर को डिजिटल करने के प्रक्रिया शुरू की गई थी, जसिमें टीचरों की ऑनलाइन हाजिरी भी शामिल था. हालांकि टीचरों के विरोध के बाद ऑनलाइन अटेंडेंस का फैसला वापस हो गया था, लेकिन बच्चों की अटेंडेंस और मिड डे मील से जुड़े डाटा को ऑनलाइन अपलोड न करने पर अब विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है.
इस सख्ती के तहत पहली गज बाराबंकी जिले के त्रिवेदीगंज ब्लॉक के 170 शिक्षकों के वेतन रोकने की संस्तुति की गई है. दूसरी तरफ बरेली, बुलंदशहर और मेरठ में भी शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है. विभाग ने स्पष्ट किया है कि बच्चों के अटेंडेंस और मिड डे मील से जुडी जानकारी को प्रधानाध्यापक या उसके द्वारा नामित शिक्षक को प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करना है. ऐसा न करने की स्थिति में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.
 इस मामले में जूनियर शिक्षक महासंघ की तरफ महानिदेशक बेसिक शिक्षा को पत्र लिखकर नाराजगी व्यवक्त की गई है. महासंघ के प्रांतीय मंत्री अरुणेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि मुख्य सचिव के साथ हुई वार्ता में डिजिटल अटेंडेंस की व्यवस्था को रोकने की बात कही गई थी, लेकिन कुछ जिलों में बीएसए द्वारा पंजिकाओं के डिजिटलाइजेशन न करने पर वेतन रोका गया है. यह मुख्य सचिव के निर्देशों का उल्लंघन है.

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