हरियाणा में पंचकूला जिले के रायपुररानी व रत्तेवाली क्षेत्र में अवैध खनन करने वाली मेसर्स तिरुपति रोडवेज फर्म के संचालकों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कस दिया है। चंडीगढ़ ईडी जोनल कार्यालय की टीम ने वीरवार को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फर्म संचालकों के पंचकूला- मोहाली सहित गुरुग्राम के अलावा कोलकाता, धनबाद और रांची स्थित ऑफिस व कोठियों में रेड की। इस दौरान टीम ने कार्रवाई करते हुए संचालकों की पंचकूला व मोहाली में एक-एक फ्लैट और इनके ऑफिसों को सील कर दिया। टीम ने इन सभी लोकेशनों पर कुल 33.65 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त  करने की कार्रवाई की है। इसके अलावा जांच टीमों ने इनके ठिकानों से नकदी भी बरामद की है। 

दरअसल भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पंचकूला मुख्यालय हरियाणा ने आईपीसी 1860 खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन अधिनियम) 1957 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत मेसर्स तिरुपति रोडवेज, उसके मालिक और खनन एवं भूविज्ञान विभाग पंचकूला के अधिकारियों और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। लेकिन इसके बाद मामले में चंडीगढ़ ईडी जोनल कार्यालय की टीम द्वारा जांच की गई।

 

जांच में पता चला कि गुरप्रीत सिंह सभरवाल ने मेसर्स तिरुपति रोडवेज के जरिए से अनुसूचित अपराध से संबंधित आपराधिक गतिविधियों से अपराध की आय (पीओसी) अर्जित की। गुरप्रीत सिंह सभरवाल ने मेसर्स तिरुपति रोडवेज को आवंटित खदानों में अवैध खनन के माध्यम से उत्पन्न पीओसी को रखने, लेयरिंग और इकट्ठा करने के लिए अपने व परिवार के सदस्यों, सहित अपने स्वामित्व वाली संस्थाओं और करीबी सहयोगियों के कई बैंक खातों का प्रयोग किया। मेसर्स तिरुपति रोडवेज द्वारा अवैध खनन के जरिए से नकदी में पीओसी की पर्याप्त मात्रा सीधे अलग-अलग बैंक खातों में जमा की जाती थी। गुरप्रीत सिंह सभरवाल नकदी में पीओसी के बदले कई असंबंधित व्यक्तियों से बैंकिंग लेनदेन की व्यवस्था करता था और पैसे को छिपाने के लिए लेनदेन के चक्रव्यूह के जरिए से इसे लेयर करता था। बाद में वह इस पैसे को अपने परिवार के सदस्यों और संबंधित संस्थाओं के बैंक खातों में ट्रांसफर कर देता था। फिर उसने इन पीओसी से कई चल और अचल संपत्तियां अर्जित कीं और उन्हें बेदाग दिखाया।

 

ईडी की टीम ने जांच के दौरान कार्रवाई करते हुए फर्म संचालकों की 33.65 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियां कुर्क की हैं। इन संपत्तियों में पंचकूला में एक-एक फ्लैट, एक औद्योगिक परिसर, गुरुग्राम में एक फ्लैट, मोहाली और गुरुग्राम में दो शोरूम, धनबाद में आवासीय और व्यावसायिक परिसर और कोलकाता व रांची में दो फ्लैट हैं। ये संपत्तियां मेसर्स तिरुपति रोडवेज के मालिक गुरप्रीत सिंह सभरवाल के स्वामित्व में हैं। ईडी की टीम द्वारा रवनीत सभरवाल पत्नी गुरप्रीत सिंह सभरवाल और तृप्ता सभरवाल पुत्री गुरप्रीत सभरवाल के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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