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विस्व में सबसे ज्यादा अगर कुछ कंट्रोल करने की चीज है तो वो आबादी है, इसको लेकर हर कोई प्रयास कर रहा है लेकिन एक रिपोर्ट जारी हुई है, जारी रिपोर्ट के अनुसार साल 2050 तक मुस्लिम आबादी इतना इजाफा होने का अनुमान है कि यह दुनिया पहला धर्म बन जाएगा. रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि इसमें  200-300 साल नहीं लगेंगे,प्यू रिसर्च सेंटर ने सबसे तेजी से बढ़ने वाले धर्म को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें ईसाई, मुस्लिम, हिंदू, बौद्ध समेत कई धर्म शामिल हैं. इसमें 2010 से 2050 के बीच इन समुदायों की आबादी में होने वाले बदलाव का अनुमान लगाया गया है.

रिपोर्ट का कहना है कि 2010 से 2050 के बीच सिर्फ 40 साल में मुस्लिमों की जनसंख्या में 1,161,780,000 अंतर आ जाएगा. यानी जो वर्तमान में इस्लाम दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा समुदाय है और 2010 में इसकी कुल जनसंख्या 1,599,700,000 थी, वो अब 2050 तक दो अरब से भी ज्यादा हो जाएगी. रिपोर्ट के अनुसार 26 साल बाद दुनियाभर में 2,761,480,000 मुस्लिम होंगे. ईसाईयों की बात करें तो वर्तमान में सबसे बड़ा धर्म क्रिश्चेनिटी है, जो दुनियाभर में कुल 2,168,330,000 है. 

रिपोर्ट के आधार पर 2050 तक ईसाइयों की आबादी में करीब 80 करोड़ का इजाफा होने का अनुमान है यानी मुस्लिमों के मुकाबले क्रिश्चन आबादी में कम बढ़ोतरी होगी. रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक क्रिश्चन आबादी 2,918,070,000 हो जाएगी. 2010 से 2050 तक ईसाइयों की आबादी में कुल 74,97,40,000 का अंतर आ जाएगा. इन आंकड़ों को देखें तो आने वाले समय में सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म इस्लाम है.

रिपोर्ट में कहा गया कि मुसलमानों की आबादी में वृद्धि के पीछे युवा आबादी और उच्च प्रजनन दर जैसे फैक्टर हैं. मुस्लिमों का फर्टिलिटी रेट दूसरे धर्मों की तुलना में सबसे ज्यादा है. इस धर्म में प्रति महिला प्रजनन दर 3.1 है, जबकि क्रिश्चन में 2.7 है. रिपोर्ट में कहा गया कि विकासशील देशों में फर्टिलिटी रेट ज्यादा है, जबकि मृत्युदर कम है, जिसकी वजह से सब-सहारा अफ्रीका जैसे इलाकों में मुस्लिम और ईसाई आबादी में 2050 तक 12 फीसदी तक वृद्धि का अनुमान है.
 

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