हरियाणा में फसल अवशेष जलाने पर रोक के बावजूद किसान अपने खेतों में पराली को जलाया जा रहा है। पराली जलाने वाले लगाने वाले तीन किसानों के खिलाफ कृषि विभाग ने पुलिस में केस दर्ज करवाया है।
चोरी छिपे आगजनी की घटना हरसेक सेटेलाइट के रडार पर आ गई। जिसके बाद कृषि विभाग की टीम ने मौके का मुआयना किया और प्रतिबंध के बावजूद अवशेषों में आग लगाए जाने पर पुलिस को शिकायत दी। जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपी किसान के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

धान के अवशेष जलाने की घटनाओं को देखते हुए डीसी करनाल ने ग्राम स्तर पर संयुक्त निगरानी टीमों का गठन किया है। इन टीमों में कृषि विभाग के अधिकारी, पटवारी और ग्राम सचिव शामिल हैं, जो खेतों का निरीक्षण कर रहे हैं।

जांच के दौरान पाया गया कि असंध, फैजलीपुर माजरा, और प्योंत गांव के किसानों ने फसल अवशेष जलाकर जिला प्रशासन के आदेशों की अवहेलना की है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 और भारतीय न्याय संहिता 2023 के अनुसार दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
असंध, मधुबन, और निसिंग पुलिस थानों में तीन अलग-अलग मामलों में संबंधित किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस दस्तावेजों के अनुसार, असंध में राम रखा, फैजलीपुर माजरा में देवकीनंदन और प्योंत में शमशेर सिंह ने अपने खेतों में अवशेष जलाने का कार्य किया। इन मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के अंतर्गत मामले दर्ज किए गए हैं।
जिला प्रशासन और कृषि विभाग किसानों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि वे अवशेष जलाने के बजाय उचित विधियों का इस्तेमाल करें। प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सहयोग करें और कानून का पालन करें, अन्यथा सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहें। पुलिस की माने तो तीनों किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच जारी है।

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