हरियाणा के फरीदाबाद के बादशाह खान नागरिक अस्पताल में डॉक्टरों व स्टाफ की फिर एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। अस्पताल में आई एक गर्भवती महिला को प्लेटलेट्स कम होने की बात कह कर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया। महिला को एम्बुलेंस भी नहीं मिली। परिजनों ने महिला को दिल्ली ले जाने के लिए ऑटो में बैठाया तो कुछ देर बाद ही ऑटो में ही महिला की डिलीवरी हो गई।
महिला की ऑटो में डिलीवरी की खबर से डॉक्टरों व स्टाफ में हड़कंप मच गया। महिला को आनन फानन में जच्चा बच्चा वार्ड में भर्ती कराया गया। महिला व नवजात दोनों ही सुरक्षित हैं। अस्पताल के डॉक्टर अब भी नहीं मान रहे कि उन्होंने महिला की हालत देखे बिना दिल्ली रेफर कर गलती की थी। महिला डॉक्टर प्रोनिता अहलावत ने बताया कि महिला में खून और प्लेटलेट्स की काफी कमी थी। इसलिए उसे दिल्ली रेफर किया गया था।
फरीदाबाद में भरत कॉलोनी में रहने वाले राजकुमार की पत्नी चांदनी (33) के पहले 4 बच्चे हैं। अब उसे पांचवां बच्चा होना था। प्रसव पीड़ा के बाद चांदनी को बीके अस्पताल में प्रसूति के लिए लाया गया। गुरुवार को चांदनी को खून की कमी और प्लेटलेट्स कम होने की बात कह कर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया। एनएचएम के ड्राइवर की हड़ताल के चलते उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली।
राजकुमार ने बताया कि चांदनी की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। एंबुलेंस ने मिलने पर उन्होंने दिल्ली जाने के लिए एक ऑटो रिक्शा बुक किया। उन्होंने चांदनी को ऑटो बैठाया तो उसकी ऑटो में ही डिलीवरी हो गई। चांदनी की डिलीवरी की सूचना मिलने के बाद गायनी वार्ड में तैनात डॉक्टर प्रोनिता अहलावत और स्टाफ के हाथ पांव फूल गए। आनन फानन में स्टाफ को नीचे भेज कर चांदनी और उसके बच्चे को सही सलामत जच्चा बच्चा वार्ड में लाया गया।