हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है| तदनुसार, राज्य में आचार संहिता भी लागू हो गई। मुख्य सचिव ने इसकी आधिकारिक घोषणा भी की, इस अवधि के दौरान अधिकांश सरकारी कार्यों पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। ये वो पहल हैं जिनसे सरकार को फायदा होने की उम्मीद है| हरियाणा में राजनीतिक दलों के पास इन चुनावों के प्रचार के लिए 17 अगस्त से 29 सितंबर तक कुल 44 दिन मिलेंगे। पिछली बार वोटिंग 21 अक्टूबर, 2019 को हुई थी। 2019 में उम्मीदवारों के पास प्रचार के लिए एक महीने का समय था, लेकिन इस बार अगस्त में आचार संहिता लागू हो गयी है, और अक्टूबर में मतदान होगा, जिससे उन्हें डेढ़ महीने का समय मिलेगा।
आचार संहिता क्या है?
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए, चुनाव आयोग ने आचार संहिता नामक नियम स्थापित किए हैं। चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों और सभी उम्मीदवारों को इसका ध्यान रखना चाहिए। आचार संहिता यह निर्धारित करती है कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दल और उम्मीदवार क्या कर सकते हैं और क्या नहीं कर सकते हैं। आचार संहिता की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये नियम कानून द्वारा नहीं, बल्कि राजनीतिक दलों की आपसी सहमति से स्थापित होते हैं। आदर्श आचार संहिता की बदौलत चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और सरकारी दलों के कामकाज और व्यवहार पर नजर रखना संभव है।
कब से कब तक लागू रहेगी आचार संहिता
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होते ही आचार संहिता लागू हो जाती है| यह संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया के अंत तक लागू रहता है। 16 अगस्त को विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा की गई थी| इसी दिन आचार संहिता लागू की गई थी| चुनावी प्रक्रिया पूरी होते ही आचार संहिता समाप्त हो जाती है|
आचार संहिता अवधि के दौरान कौन से कार्य रुकेंगे और कौन से जारी रहेंगे?
आदर्श आचार संहिता इन पर रोक लगाती है…
1. चुनाव कार्य में सक्रिय अधिकारियों को अपने निवास स्थान पर व्यक्तिगत रूप से मिलने या नेताओं और मंत्रियों से मिलने पर रोक है। अगर वह ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है| सरकारी खर्च पर नेताओं के आवास पर इफ्तार पार्टी और अन्य पार्टियां आयोजित नहीं की जा सकेंगी| हालाँकि, यह कार्यक्रम आपके अपने खर्च पर पूरा किया जा सकता है।
2. सत्तारूढ़ पार्टी के द्वारा अपना प्रचार प्रसार या विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए सरकारी धन का उपयोग करना भी वर्जित है।
3. यदि किसी परियोजना को हरी झंडी दे दी गई है, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है, तो आचार संहिता लागू होने के बाद परियोजना पर काम शुरू नहीं हो सकता है। आचार संहिता लागू होने के बाद सांसद, विधान परिषद के सदस्य सामुदायिक विकास निधि से नई धनराशि जारी नहीं कर सकते हैं।
4. आचार संहिता लागू होने के बाद अब आप पेंशन आवेदन नहीं भरे जायेंगे या नए राशन कार्ड नहीं बन पाएंगे। नया आर्म्स लाइसेंस नहीं बनेगा| बीपीएल पीला कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। कोई नये सरकारी पद सृजित नहीं किये जायेंगे। नये कार्य के प्रस्ताव नहीं बनाये जायेंगे। कोई नया संस्करण नहीं है| इस अवधि में बड़ी इमारतों के लिए कोई परमिट जारी नहीं किया जाएगा।