WHO के द्वारा मंकी पॉक्स के प्रकोप को अंतर्राष्ट्रीय चिंता व सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किये जाने के बाद अब इस बीमारी से लड़ने के लिए भारत ने भी तैयारी शुरू कर दी है|राज्य के अस्पतालों में अलर्ट जारी कर दिया गया है| इसी कड़ी में मंगलवार को नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने Mpox लक्षणों वाले रोगियों को संभालने के लिए प्रोटोकॉल जारी किए हैं|
AIIMS द्वारा जारी किये गए प्रोटोकॉल:
1. दिल्ली एम्स में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए पांच बेड आरक्षित किए गए हैं| एम्स में एबी-7 बेड नं. 33, 34, 35, 36 और 37 को मंकी पॉक्स के मरीजों को अलग करने के लिए रखा गया है| किसी मरीज में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं या संदिग्ध मरीज आता है तो उसे इन बेड्स पर शिफ्ट किया जाएगा।
2. मरीज के संक्रमण की पुष्टि के लिए जरूरी टेस्ट किए जाएंगे, जिसमें त्वचा के नमूने और अन्य लैब परीक्षण शामिल है।
3. संदिग्ध मरीजों के इलाज के वक्त डॉक्टरों को पीपीई किट पहनना अनिवार्य होगा।
4. मरीजों की हर जरूरी डिटेल जैसे घर का पता, मेडिकल हिस्ट्री और लक्षण सभी को फाइल में मेंटेन करना होगा।
बता दें की Mpox से बचाव के लिए AIIMS के अलावा सफदरजंग अस्पताल में एमपॉक्स मरीजों के लिए डेडिकेटेड एंबुलेस भी तैयारी की गई है.
क्या है मंकी पॉक्स
मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो मवाद से भरे घावों और फ्लू जैसे लक्षणों का कारण बनता है| संक्रमित व्यक्ति के लिए यह जानलेवा भी साबित हो सकता है. इस वायरस की पहचान सबसे पहले 1970 में हुई थी| वायरस के दो सबवैरिएंट हैं- क्लेड-1 और क्लेड-2., यह एक ऐसा वायरस है जो बंदरों से इंसानों में फैला था| इसके साथ ही इस वायरस का ट्रांसमिशन यानी फैलाव एक से दूसरे इंसान में भी होता है | वायरस शुरुआत में सबसे पहले अफ्रीका से फैला था|
MPOX के लक्षण:
Mpox संक्रमण के लक्षण आमतौर पर एक सप्ताह के भीतर दिखने लगते हैं, पर कभी कभी इन लक्षणों को दिखने में, संपर्क में आने के 1-21 दिन का भी समय लग जाता है. ये लक्षण आमतौर पर 2-4 सप्ताह तक रहते हैं.
Mpox के निम्नवत लक्षण हैं.
1.त्वचा में दाने
2.बुखार
3.गले में खराश
4.सिरदर्द
5.मांसपेशियों में दर्द
6.पीठ दर्द
7.कम ऊर्जा
8.सूजी हुई लिम्फ नोड्स।