सिंचाई विभाग द्वारा कान्हौर ब्रांच नहर में पानी बंद करने से गांव कथूरा के किसान भडक़ उठे। किसानों ने गांव में गोहाना-महम रोड पर कांटेदार झाडिय़ां डालकर जाम लगा दिया। किसानों ने कहा कि विभाग द्वारा समय से पहले नहर में पानी बंद कर दिया गया, जिससे वे धान में सिंचाई से वंचित रह गए। जाम की सूचना मिलने पर बरोदा थाना से पुलिस और सिंचाई विभाग के रोहतक से एसडीओ सतीश कुमार पहुंचे। अधिकारियों ने नहर में जल्द दोबारा पानी छोडऩे का आश्वासन दिया, जिसके बाद किसानों ने जाम खोला। लगभग तीन घंटे तक रोड जाम रहने से लोगों को परेशानी हुई।
क्षेत्र के कई गांवों में कान्हौर ब्रांच नहर से सिंचाई होती है। इस नहर से कई रजवाहे निकलते हैं। रविवार को अधिकारियों द्वारा नहर में पानी बंद कर दिया गया। इससे गांव कथूरा के किसान भडक़ उठे। शनिवार सुबह लगभग नौ बजे किसान एकत्रित होकर गांव में गोहाना-महम रोड पर पहुंचे। किसानों ने रोड पर कांटेदार झाडिय़ां डालकर जाम लगा दिया। किसानों ने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा नहर में समय से पहले पानी बंद किया गया। इसके चलते काफी किसान धान में सिंचाई से वंचित रह गए। धान में सिंचाई न होने से उनकी फसल प्रभावित होगी। किसानों ने कहा कि इंजन चलाकर सिंचाई करने से डीजल की अधिक खपत होती है। इससे फसल में बचत कम होती है। भूजल भी कई जगह खारा है। किसानों ने पर्याप्त पानी देने की मांग की। जाम लगने से दोनों तरफ वाहनों की लाइनें लग गईं। जाम की सूचना मिलने पर बरोदा थाना से पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने किसानों को समझाया लेकिन वे नहीं माने और नहर में पानी छोडऩे की मांग पर अड़े रहे। पुलिस ने वाहनों का रूट डायवर्ट किया। इससे वाहन चालकों को कई किलोमीटर का फेर लगाने पर मजबूर होना पड़ा। सिंचाई विभाग के एसडीओ सतीश कुमार भी मौके पर पहुंचे और किसानों से बातचीत की। उन्होंने आश्वासन दिया कि नहर में जल्द दोबारा पानी छोड़वा दिया जाएगा। इसके बाद किसानों ने दोपहर लगभग 12 बजे जाम खोला और वाहनों का आवागमन शुरू हुआ।