बरेली में शनिवार को पीलीभीत रोड पर एक घंटे तक दबंगों का कब्जा रहा। खुलेआम फायरिंग से वहां दहशत फैल गई। यातायात थम गया। लोगों ने देखा कि राजीव राणा गुट के की भीड़ पर पिता-पुत्र अपने कुछ लोगों के साथ भारी पड़ गए। घटना के दौरान सड़क पर संजयनगर निवासी रोहित ठाकुर और सटोरिया संजय खुलेआम फायरिंग करते देखे गए।
आदित्य ने फायरिंग कर रहे राजीव राणा गुट के लोगों को कार से कुचलने की कोशिश की। रोहित व संजय कार के नीचे दब गए। कार भी गड्ढे में पलट गई। घटना के बाद आदित्य और उसका बेटा पकड़े गए। वायरल वीडियो में दोनों गुटों के लोग एक-दूसरे पर गोलियां दागते दिखाई दे रहे हैं।
राहगीह बचने के लिए इधर-उधर छिप रहे हैं। राहगीरों ने वीडियो बनाया तो उनसे भी अभद्रता की गई। दहशत का आलम यह था कि आसपास के लोग अपने घरों में दुबक गए और दरवाजे बंद कर लिए।
हमारी रगों में भी पुलिस का खून
आरोपी आदित्य और उसका बेटा गिरफ्तारी के वक्त पुलिस से भी उलझ गए। उनकी लाइसेंसी पौनिया भी जब्त कर ली गई। आदित्य ने बताया कि उसके माता-पिता भी पुलिस में थे। उसकी रगों में भी पुलिस का खून है।
शनिवार तड़के पीलीभीत बाईपास पर जमीन कब्जे के विवाद में दोनों ओर से की गई फायरिंग में गिरफ्तार टाइल्स व्यापारी पिता-पुत्र के चौकीदार की ओर से शाम को रिपोर्ट दर्ज करा दी गई। इसमें पूर्व विधायक भाजपा नेता पप्पू भरतौल व राजीव राणा समेत 12 लोग नामजद और 150 अज्ञात को शामिल किया गया है।
पूर्व विधायक पप्पू भरतौल ने अपनी नामजदगी को लेकर सफाई दी। उन्होंने बताया कि वह शुक्रवार शाम ही बरेली से वृंदावन चले आए थे। यहां से उन्हें उज्जैन में महाकाल के दर्शन को जाना है। बताया कि राजेश राणा की कार का नंबर उनकी कार के नंबर से मिलता हुआ है, इसलिए लोग मानते हैं कि राजेश से उनका जुड़ाव है। पप्पू भरतौल का कहना है कि किसी भी पक्ष से उनका कोई लेनादेना नहीं है। उनके विरोधियों ने एक पक्ष को उकसाकर रिपोर्ट लिखा दी है, जांच में सब साफ हो जाएगा।