उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पिता के सामने बेटे को मारने वाला तेंदुआ पकड़ा गया है। वन विभाग ने उसे पकड़ने के लिए बकरी बांधकर पिंजरा लगाया था। मंगलवार सुबह तेंदुआ बकरी खाने के लिए पिंजरे में घुसा।
अंदर जाते ही पिंजरे का दरवाजा बंद हो गया। ग्रामीणों ने तेंदुए को पिंजरे में बंद देखा तो वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग की टीम शारदा वन रेंज पहुंची और तेंदुए को ले गई।
वन रेंजर अभय कुमार ने बताया कि 5 अक्टूबर को इसी तेंदुए ने एक बच्चे को मार डाला था, तभी से इससे पकड़ने की कोशिश की जा रही थी। 3 पिंजरे लगाए गए थे। टीम बराबर मॉनिटरिंग कर रही थी l हर पिंजरे में बकरी को भी बांधा गया था। कैमरे भी लगाए गए थे।
2 दिन पहले भी तेंदुआ पिंजरे के इर्द-गिर्द दिखाई पड़ा था, लेकिन पकड़ में नहीं आया था। आज सुबह शरादानगर वन रेंज के मझरा फार्म के पास लगाए गए पिंजरे में तेंदुआ फंस गया। ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी।
5 अक्टूबर को गंगाबेहड़ में रहने वाले मुन्नर अली साइकिल से मिट्टी ढो रहे थे। बेटा पीछे से साइकिल में धक्का लगा रहा था, तभी तेंदुआ गन्ने से निकला और बच्चे को दबोच लिया।
मुन्नर अली ने शोर मचाया, लेकिन जब तक लोग इकट्ठा होते, तेंदुआ बच्चों को खींचकर एक पेड़ पर ले जा चुका था। नीचे से पिता शोर मचाता रहा, तेंदुआ बच्चे को पिता की आंखों के सामने खा गया।
ग्रामीणों के मुताबिक, 2 घंटे बीत जाने के बावजूद भी वन विभाग टीम मौके पर नहीं पहुंची थी। गुस्साए ग्रामीणों ने गन्ने के खेतों में ट्रैक्टर और बाइकों की रोशनी कर बच्चे की तलाश शुरू कर दी। 1 घंटे बाद गांव से करीब आधा किलोमीटर दूर गन्ने के खेत से बच्चे का शव बरामद हुआ। तेंदुआ बच्चे का सिर खा गया था।
बच्चे की मौत के बाद ग्रामीणों ने सड़क जाम कर वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया था। आक्रोशित भीड़ ने पुलिस और वन विभाग की टीम पर पथराव कर दिया, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। पुलिस ने लाठीचार्ज कर ग्रामीणों को खदेड़ा और तनाव को देखते हुए मौके पर पांच थानों की पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई थी।