हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चंडीगढ़ में सरकारी आवास खाली नहीं किया है। विशेष परिस्थितियों के तहत हुड्डा को दी गई समयावधि भी समाप्त हो चुकी है। जिसके चलते हरियाणा सरकार ने पूर्व CM पर जुर्माना लगाया है। हरियाणा में 17 अक्टूबर को नई सरकार का गठन हुआ था। नियमानुसार नई सरकार के गठन के 15 दिन के भीतर सभी पूर्व विधायकों, मंत्रियों, चुनाव हार चुके नेताओं को सरकारी आवास खाली करना होता है, ताकि नई सरकार के मंत्रियों को आवास अलॉट किए जा सकें।
जेजेपी के विधायकों ने तय समयावधि के भीतर चंडीगढ़ के सेक्टर-3 में अपना सरकारी आवास खाली कर दिया। इनके अलावा चुनाव हारने वाले सभी पूर्व मंत्री आवास खाली कर चुके हैं। पूर्व मनोहर सरकार के कार्यकाल के दौरान भूपेंद्र हुड्डा जब नेता प्रतिपक्ष बने तो उन्हें चंडीगढ़ के सेक्टर-7 में कोठी नंबर 70 अलॉट की गई थी। सरकार ने हुड्डा को दिसंबर 2024 में कोठी खाली करने को कहा था।
हुड्डा को उम्मीद थी कि हाईकमान उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाएगी और वह पुराने आवास में ही रुके रहेंगे। हुड्डा ने इसके लिए 15 दिन का समय मांगा, लेकिन अब करीब 2 महीने से ज्यादा समय हो चुका है। सरकारी कोठी खाली नहीं करने पर सरकार ने हुड्डा के खिलाफ पीनल रेंट की कार्रवाई शुरू कर दी है। सरकार अब तक हुड्डा पर 2 लाख से ज्यादा का पीनल रेंट लगा चुकी है। सरकार का तर्क है कि नियमों के अनुसार, नई सरकार बनने के बाद हुड्डा को 15 दिन के भीतर कोठी नंबर 70 खाली करनी थी। मगर ढाई महीने से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी उन्होंने कोठी नहीं छोड़ी है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा जिस कोठी नंबर 70 पर कब्जा किए बैठे हैं, वह वर्तमान सैनी सरकार के मंत्री विपुल गोयल को पसंद आ गई थी। इस चलते सरकार ने इसे खाली करवाने की कार्रवाई को तेज किया था। हुड्डा के कोठी खाली न करने पर अब विपुल गोयल ने दूसरी कोठी के लिए आवेदन कर दिया है। उन्होंने सरकार से चंडीगढ़ के सेक्टर 7 की कोठी नंबर 71 मांगी है। दिलचस्प बात यह है कि 71 नंबर कोठी अभी चंडीगढ़ के कोटे की है, इसलिए सरकार यूटी की इस कोठी को अपनी 68 नंबर कोठी से बदलने की तैयारी कर रही है। हरियाणा अपने हिस्से का एक आवास यूटी को देगा और बदले में एक आवास लेगा। इसके बाद गोयल को मनचाही कोठी मिल जाएगी। अभी वह एमएलए फ्लैट में अपना कामकाज चला रहे हैं।