हरियाणा में सरकार ने किसानों की 24 फसलों को एमएसपी पर खरीद की गारंटी सरकार ने दे दी है। सरकार जहां एमएसपी पर पहले से 14 फसलें खरीद रही है. वहीं आदेशानुसार सरकारी एजेंसियां 10 और फसलों को एमएसपी पर खरीदेंगी। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू ने 24 फसलों की एमएसपी पर खरीद के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले पांच अगस्त को मुख्यमंत्री नायब सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में एमएसपी पर जिन फसलों को खरीदने का निर्णय लिया गया था, अधिसूचना जारी होने से उसे अब सिरे चढ़ाया जा सकेगा।
इन फसलों में रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जौ, मक्का, ज्वार, जूट, खोपरा, ग्रीष्म मूंग, धान, बाजरा, खरीफ मूंग, उर्द, अरहर, तिल, कपास, मूंगफली, गेहूं, सरसों, चना, मसूर, सूरजमुखी और गन्ना शामिल हैं। केंद्र सरकार की ओर से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ), भारतीय कपास निगम (सीसीआई), भारतीय जूट निगम (जेसीआई), केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी), राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नैफेड), राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) विभिन्न फसलों की खरीद करती हैं।
विशेष बात ये है कि हरियाणा में रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जूट और खोपरा जैसी फसलें नहीं बोई जाती हैं, फिर भी इन्हें प्रदेश सरकार ने सूचीबद्ध फसलों में शामिल किया है। मक्का की कीमत आमतौर पर एमएसपी से अधिक होती है। हालांकि, प्रदेश सरकार ने 2018-19, 2020-21 और 2021-22 में मक्का खरीदा था।
सरकारी एजेंसियों ने कभी जौ नहीं खरीदा, क्योंकि बाजार मूल्य आमतौर पर निर्धारित एमएसपी से अधिक होता है। इसी तरह अरहर, उर्द, तिल, ज्वार की कीमतें भी एमएसपी से ऊंची बनी हुई हैं। मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से ही एमएसपी पर फसलों की खरीद की जाएगी। वहीं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दोहराया कि हरियाणा में किसानों की सभी फसलें एमएसपी पर खरीदी जा रही हैं। पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार और कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारों को भी किसानों को सशक्त बनाने के लिए फसलों को एमएसपी पर खरीद का निर्णय लेना चाहिए।