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फसलों में न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अन्य मांगों को लेकर सरकार हठधर्मिता पर उतर आई है। जिसके विरोध मे किसानों द्वारा भूख हड़ताल कर अपनी मांगों का ज्ञापन प्रधानमंत्री के नाम भेजा गया। यह जानकारी भारतीय किसान यूनियन के चंढूनी के जिला अध्यक्ष राकेश आर्य ओर किसान नेता कमल सिंह प्रधान ने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अन्य मांगों को लेकर हरियाणा पंजाब के बॉर्डर पर किसान आंदोलनरत है। इस आंदोलन में सरदार जगजीत सिंह किसानो की मांगों को लेकर पिछले कई दिनो से मरणवर्त पर बैठे है। उनकी सेहत बेहद नाजुक स्थिति में है। आंदोलनरत किसानो की सभी मांगे जायज व तथ्यात्मक है। राकेश आर्य ने कहा कि कृषि विपणन नीति के नए मसौदे में मंडी से बाहर प्राइवेट स्थान को भी मंडी मानना की शर्त ग़लत है इससे किसान को सीधा सीधा नुक़सान होगा, क्योंकि मंडी के अंदर फसल को खऱीदने वाले अधिक व्यापारी आते प्राइवेट स्थल को मंडी बनाने से फसल के भाव के लेकर होने वाली व्यापारियों की प्रतिस्पर्धा ख़त्म हो जाएगी। प्राइवेट स्थल पर केवल एक ही व्यापारी होगा जिससे किसानों को उनकी फ़सल का उचित दाम नहीं मिलेगा। दूसरा इससे राजस्व की हानि होगी जिससे गाँव की सडक़े व विकास होता है, इस क़ानून से देश में बेरोजगारी बढ़ेगी और यह उन तीन क़ानूनों का हिस्सा है, जिनका किसानो ने देश भर में विरोध किया था इसलिए आपसे अनुरोध हैं इस मसौदे को तुरंत वापस लिया जाए। इसके अलावा उन्होंने मांग करते हुए कहा कि किसान आंदोलनों व प्रर्दशनों के दौरान बने सभी केस वापिस लिए जाए। इसी के चलते आज भिवानी लघु सचिवालय के सामने विभिन्न किसान संगठनों में प्रदर्शन किया और किसने की सभी जायज मांग पूरी करने की मांग की ।

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