भौंडसी (गुरुग्राम) जेल सुपरिटेंडेंट सुनील सांगवान ने इस्तीफा दे दिया। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भी उन्होंने वीआरएस के लिए पत्र भेजा है।
सुनील सांगवान ने जेल विभाग में साढ़े 22 साल की सेवा दी है और अब राजनीति में आगे है।
सुनील सांगवान की चरखी दादरी से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ने की आशंकाए जताई जा रही है।
सुनील सांगवान के पिता व पूर्व सहकारिता मंत्री सतपाल सांगवान ने लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ज्वाइन की थी।
सुनील सांगवान की पहली पोस्टिंग जनवरी-2002 में गुरुग्राम जेल में बतौर डिप्टी सुपरिटेंडेंट हुई थी
अब इसी जेल के सुपरिटेंडेंट रहते हुए सरकारी सेवाओं से इस्तीफा दे दिया।
1996 में सतपाल सांगवान ने भी टेलीकॉम डिपार्टमेंट में एसडीओ के पद से इस्तीफा देकर राजनीति में एंट्री की थी। उन्होंने दादरी से हविपा टिकट पर जीता पहला चुनाव था।
भूतपूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल के सबसे करीबियों में शामिल रहे सतपाल सांगवान। आज भी बंसीलाल के ‘बुलडोजर’ के नाम से जाने जाते हैं सतपाल सांगवान।
हरियाणा का पहला ऐसा राजनीतिक परिवार, जिसके दोनों बच्चे आर्मी में सेवाएं दे रहे है।
सुनील सांगवान के बेटा और बेटी दोनों आर्मी में कैप्टन हैं।