विधानसभा चुनावों में भाजपा की पहली प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद अब साइड इफेक्ट्स सामने आने लगे हैं। बवानीखेड़ा से राज्यमंत्री बिशंबर वाल्मीकि की टिकट कटने पर भावुक हुए तो तोशाम से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व विधायक शशीरंजन परमार की आंखो से भी आंसू छलक गए। जिले की इन दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों से भाजपा ने इस बार नए चेहरों को मौका दिया है।
भाजपा ने तोशाम से पूर्व मुख्यमंत्री की पौती श्रुति चौधरी चुनावी मैदान में उतारी हैं तो बवानीखेड़ा से नया चेहरा कपूर सिंह वाल्मीकि को विधायक का टिकट दिया है। ऐसे में अब बड़े नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी सामने आने लगी है। टिकट कटने के बाद दोनों ही नेताओं ने शुक्रवार को अपने-अपने आवास पर कार्यकर्ता बैठक बुलाई है।

बवानीखेड़ा से भाजपा को लगातार दो बार जीत दिलाने वाले राज्यमंत्री बिशंबर वाल्मीकि की टिकट कटने के बाद वीरवार को वे अपने पैतृक गांव खरक पहुंचे। अपने खरक स्थित आवास पर पहुंचने पर कार्यकर्ताओं के मायूस चेहरे देखकर वे अपने आंसू नहीं रोक पाए और रोने लगे। इस दौरान उन्होंने बवानीखेड़ा से भाजपा उम्मीदवार कपूर वाल्मीकि पर आरोप लगाते हुए कहा कि हत्या और भष्ट्राचार के मामले में आरोपी रहे हैं, भाजपा हाईकमान को टिकट देने से पहले जानकारी लेनी चाहिए थी। बिशंबर के निवास पर एकत्रित हुए सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपने अपने विचार रखें। कार्यकर्ताओं ने कहा बवानीखेड़ा से बिशंबर वाल्मीकि ऐसा भाजपा कार्यकर्ता है जो तीसरी बार हजारों वोट से अपनी जीत दर्ज करता। भाजपा हाईकमान ने बिशंबर के साथ विश्वासघात कर दिया, जिसका खामियाजा पार्टी को विधानसभा चुनाव में जरूर भुगतना पड़ेगा। शुक्रवार को सुबह 11 बजे गांव खरक के दादी सती जाबदे मंदिर में बिशंबर के चुनाव लड़ने का फैसला धामाणा खाप करेंगी।

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