पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर में स्थानीय लोगों द्वारा कथित तौर पर बंधक बनाए गए ओडिशा के 300 से अधिक लोगों को पुलिस द्वारा रिहा कराये जाने के बाद उन्हें सुरक्षित अपने घर पहुंचाया गया। माना जा रहा है कि ओडिशा में पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिकों पर किए गए कथित हमले के कारण उन्हें बंधक बनाया गया। पश्चिम बंगाल के इन प्रवासी श्रमिकों को गलती से बांग्लादेशी नागरिक समझ लिया गया था।बालासोर और मयूरभंज जिलों के ये लोग एक स्थानीय वैद्य से इलाज कराने लिए केशपुर के खारीका गांव में आए थे, लौटते समय उनपर भीड़ ने हमला किया था।जिससे उनके वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए और उन्हें बंधक भी बना लिया गया।अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजय कुमार ने कहा, ‘‘पुलिस के हस्तक्षेप के कारण सभी लोगों को बचा लिया गया और वे सुरक्षित ओडिशा अपने घर पहुंच गए।’’ उन्होंने पुष्टि की कि समूह को ले जाने वाली बसों ने उन्हें मंगलवार शाम को ओडिशा-बंगाल सीमा पर लक्ष्मणनाथ गेट पर छोड़ दिया।जिसके बाद सभी मजदूर सुरक्षित अपने-अपने घर पहुँच गए|घटना की जानकारी तब सामने आई जब प्रभावित लोगों में से कुछ ने बालासोर के सांसद प्रताप सारंगी से संपर्क किया, जिन्होंने बाद में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को सूचित किया।दोनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने बंधकों को बचाने के लिए तुरंत मिलकर काम किया। रेमुना पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक संजू हसीना कुलु ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों में रेमुना ब्लॉक के 27 लोग शामिल हैं और वे सुरक्षित लक्ष्मणनाथ गेट पहुंच गए हैं।