गाजियाबाद से एक चौका देने वाला मामला सामने आया है जहां इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के नीतिखंड निवासी राकेश वार्ष्णेय और दिल्ली के भजनपुरा निवासी राजू उपाध्याय पिछले छह साल से प्रॉपर्टी डीलर का काम एकसाथ करते थे। राकेश की मुरादाबाद में एक प्रॉपर्टी थी, जिसकी कीमत करीब 20-22 करोड़ रुपए थी। राकेश ने इसे बिकवाने के लिए राजू से कहा। राजू ने नवंबर 2023 में इसकी पावर ऑफ अटॉर्नी अपने नाम करा ली। इसके बाद राजू के नीयत में खोट आ गया। उसने सोचा कि अगर राकेश न रहे तो ये सारी प्रॉपर्टी उसी के नाम हो जाएगी। इसलिए उसने राकेश की हत्या करने की फुलप्रूफ प्लानिंग की। राजू ने इस प्लानिंग में तीन आरोपी शामिल किए। एक को रुपए, दूसरे को एम्बुलेंस और तीसरे को मकान देने का लालच दिया। राकेश को एनेस्थीसिया देकर मारा, ताकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण खुदकुशी लगे।
इस हत्याकांड में कुल 4 आरोपी गिरफ्तार किए हैं, जो जेल भेज दिए गए हैं। इस हत्याकांड के बाद पुलिस उलझ कर रह जाए, इसलिए आरोपी ने अपहरण की कॉल कराई। ये कॉल कौन व्यक्ति करेगा, उसकी रौबदार आवाज जांचने के लिए हत्या के आरोपी ने भोत से कलाकारों का ऑडिशन लिया। इस हत्याकांड में कुल 4 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, जो जेल भेज दिए गए हैं।
20 फरवरी को दिल्ली के दिलशाद गार्डन स्थित ऑफिस में राकेश को नीला थोथा (जहर) मिलाकर शराब पिलाई गई। फिर उन्हें एनेस्थीसिया के 6 इंजेक्शन लगाकर मौत के घाट उतारा गया । इसके बाद लाश मुरादनगर गंगनहर में फेंककर उनकी क्रेटा कार शालीमार गार्डन इलाके में खड़ी कर दी गई। शालीमार गार्डन थाना पुलिस ने इस हत्याकांड में 6 जून को मुख्य आरोपी राजू उपाध्याय सहित अनुज गर्ग, कृष्ण अग्रवाल और हरीश शर्मा को गिरफ्तार किया।
पुलिस जब कई दिन तक राकेश का पता नहीं लगा पाई तो राजू ने फिर दूसरी तरफ ध्यान भटकाने की कोशिश की गई। राजू ने राकेश की फैमिली को उसके अपहरण हो जाने और जान से मारने की धमकी देने की कॉल कराई। इस कॉल के लिए मुंबई से सिम मंगाया और दिल्ली की गफ्फार मार्केट से पुराना सादा मोबाइल खरीदा। राजू ऐसे व्यक्ति से कॉल कराना चाहता था, जिसकी आवाज रौबदार हो। उसने तीन-चार लोगों का ऑडिशन लिया। फिर उसमें से एक व्यक्ति को सिलेक्ट किया। उससे कॉल करवाई। इसके बदले राजू ने उसे शराब दी
आरोपी राजू उपाध्याय ने राकेश की फैमिली की तरफ से कोर्ट में 156/3 का केस डलवा दिया। इसमें उन लोगों को आरोपी बनाया गया, जिनकी राकेश से दुश्मनी थी। राजू चाहता था कि पुलिस का ध्यान इस केस से पूरी तरह भटक जाए। लेकिन, जब पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला तो पुलिस के शक की सुई राजू पर गई। पुलिस ने जब राजू के मोबाइल की कॉल डिटेल रिपोर्ट निकाली तो राकेश और राजू की लोकेशन सेम पॉइंट पर मैच होती चली गई।
हत्या करने के लिए दिया लालच
DCP ने बताया कि राजू उपाध्याय ने एनेस्थीसिया के लिए दिल्ली के एक नर्सिंग होम में नर्सिंग स्टाफ हरीश से संपर्क किया। छह डोज के बदले उसको 10 हजार रुपए दिए गए। इस हत्याकांड में एक आरोपी कृष्ण अग्रवाल है। जिसे काम हो जाने के बाद नई एम्बुलेंस देने का राजू ने वायदा किया था। अनुज गर्ग को नया मकान देने की बात कही थी।
DCP ने बताया कि मुरादनगर गंगनहर में फेंकी गई लाश फरवरी में ही बुलंदशहर में पुलिस को मिल गई। पुलिस ने वहां लावारिस में शव का अंतिम संस्कार कर दिया। मृतक के परिजनों ने कपड़े और अन्य वस्तुओं से शव की पहचान की है। हालांकि शव का DNA परीक्षण कराया जाएगा।