ओडिशा से मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले गैंग के सदस्यों में विवाद के बाद गैंग के ही एक सदस्य और उसकी पत्नी की हत्या कर दी गई। पति के शव को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया और पत्नी की हत्या करके शव को शिकोहाबाद-एटा मार्ग पर खड़ीत नहर फेंक दिया गया। गाजियाबाद पुलिस ने रेलवे ट्रैक पर मिले शव की पहचान नहीं होने पर अज्ञात में अंतिम संस्कार भी कर दिया।
मामले में मोड़ तब आया जब मरने वाले लाल सिंह के पिता ने कोतवाली नगर में उसकी हत्या किए जाने और उसकी पत्नी को गायब करने की रिपोर्ट दर्ज करवाई। इसके बाद मामले में जांच करते हुए पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार करके हत्याकांड का खुलासा किया है।
डीसीपी राजेश कुमार ने बताया कि 15 अक्टूबर की रात लाल सिंह (27) की हत्या करके शव को हिन्द कॉलोनी के पास रेलवे लाइन पर फेंक दिया गया था। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम के बाद पहचान नहीं होने पर अज्ञात में अंतिम संस्कार कर दिया था। मामले में लाल सिंह के पिता परमात्मा ने 17 नवंबर को नगर कोतवाली में तहरीर देकर लाल सिंह की हत्या किए जाने और उसकी पत्नी प्रियंका को गायब करने का आरोप लगाया।
इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। पुलिस ने नईम निवासी बिहार और अनिल यादव निवासी एटा को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है। मुठभेड़ में अनिल यादव की टांग में गोली लगी है। डीसीपी के अनुसार, नईम और अनिल ने पूछताछ में बताया कि वह ओडिशा से मादक पदार्थों की तस्करी करते हैं। लाल सिंह और उसकी पत्नी प्रियंका भी उनके गिरोह में ही थीं।
लाल सिंह और प्रियंका गुड्डू के साथ काम करते थे। किसी बात को लेकर गुड्डू और लाल सिंह के बीच विवाद हो गया। इसके बाद लाल सिंह ने मुखबिरी करके नोएडा में गुड्डू का 60 लाख रुपये का माल पकड़वा दिया था। इसके बाद गिरोह के अन्य सदस्य भी लाल सिंह से गुस्सा हो गए थे और गुड्डू तो रंजिश मानने लगा था। अनिल और नईम ने गुड्डू के साथ मिलकर लाल सिंह की हत्या की योजना बनाई और उसे 15 अक्टूबर की रात ओडिशा से फोन करवाकर नईम के विजय नगर स्थित कमरे पर बुलाया।