बिजली निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा मिलीभगत से सिरसा में लाखों रुपए की बिजली चोरी की जा रही है। निगम को रोजाना लाखों रुपये का चूना लगाया जा रहा है। उक्त आरोप राष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा समिति के सदस्य व सिरसा निवासी गुरलाल सिंह ने मीडिया के समक्ष बातचीत करते हुए लगाए। गुरलाल सिंह ने बताया कि सिटी डिवीजन के एसडीओ से लेकर एक्सईएन तक के अधिकारियों की मिलीभगत से बढ़ते भ्रष्टाचार से आम जनता को भारी नुकसान हो रहा है।
उन्होंने रिकॉर्ड दिखाते हुए बताया कि बिजली मीटर रीडर द्वारा 5-7 महीने की मीटर रीडिंग स्टॉक करते हैं और फिर उसे (जला हुआ दिखाकर) या बदलकर फर्जी रीडिंग दर्ज कर दी जाती है। शिकायतकर्ता ने एक और गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि निगम में सीए (चार्टर्ड एकाउंटेंट) प्यारेलाल और जेई मिलकर जीरो रीडिंग की सेटिंग करते हैं। इसमें मीटर की रीडिंग को घटाकर शून्य कर दिया जाता है और बाद में एमसीओ (मीटर चेकिंग ऑर्डर) काटा जाता है, जिससे लाखों रुपये का भ्रष्टाचार किया जाता है। इसका साक्ष्य दिखाते हुए गुरलाल सिंह ने बताया कि कुछ माह पूर्व उन्होंने एक मीटर की चोरी पकड़वाई, जिसमें 21 हजार से अधिक रीडिंग थी और मीटर ओके था। रीडिंग की एलएल वन (49/22222) भरी गई। एलएल वन भरने के बाद दो दिन पहले मीटर जला हुआ दिखकर जेई ने उस रीडिंग को खुर्द बुर्द कर दिया और उसे नो चार्ज के रूप में दिखा दिया। शहर में इस प्रकार से सैकड़ों मीटर होंगे, जिनकी रीडिंग खुर्द-बुर्द कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
यह कार्यवाही बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के की गई है, जिससे यह साफ तौर पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को दर्शाता है। इस मामले में एसडीओ को भी शिकायत की गई, जिसके बाद उन्होंने मीटर का एमसीओ काटा, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि निगम में बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार का खेला बढ़ता जा रहा है और इसका नुकसान आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री हरियाणा व बिजली मंत्री अनिल विज से आग्रह किया कि सिरसा में बिजली निगम में बढ़ रहे भ्रष्टाचार के मामलों पर संज्ञान लेकर तुरंत प्रभाव से भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।