भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो चंद्रयान और मंगलयान की सफलता के बाद अब मंगल ग्रह पर एक बार फिर अपना झंडा लहराने की तैयारी कर रहा है। इसरो पहले भी सफलता पूर्वक मिशन मंगलयान को पूरा कर चुका है। मंगलयान-2 मिशन के जरिए इसरो ने मंगल ग्रह की ऑर्बिट की स्टडी की थी। वहीं मंगल ग्रह के अगले मिशन से इसरो लाल ग्रह के और भी रहस्यों के बारे में पता लगाएगा। इस मिशन का लक्ष्य मंगल की सतह पर एक रोवर और हेलीकॉप्टर उतारना है। इस मिशन के मॉडल को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के मौके पर स्पेस ऐप्लीकेशन सेंटर पर दिखाया गया। अगर यह मिशन सफल रहा तो भारत अमेरिका और चीन के बाद मंगल पर यान उतारने वाला तीसरा देश बन जाएगा।
ISRO ने अपनाया नया तरीका
मंगलयान-2 मिशन के तहत इसरो का रोवर एक नए तरीके से सतह पर लैंड करेगा। एयरबैग और रैंप जैसे पुराने तरीकों की बजाय इसरो एक खास ‘आकाश क्रेन’ की मदद से रोवर को धीरे से मंगल की सतर पर उतारेगा। ये एडवांस आकाश क्रेन टेक्नलॉजी ये सुनिश्चित करेगी कि सतह कितनी ही ऊबड़-खाबड़ क्यों न हो रोवर सुरक्षित और सही जगह पर उतरे। यह तकनीक शायद आने वाले बीस सालों में मंगल ग्रह पर मानव को उतारने के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती है।