पंजाब के किसानी मुद्दों को लेकर आज चंडीगढ़ में किसानों का संघर्ष चल रहा है। ये संघर्ष दो अलग-अलग मंच से चल रहा है। संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ से जहां महा पंचायत की जा रही है। जबकि दूसरे ग्राउंड में भारतीय किसान यूनियन और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के बैनर तले किसानों ने 5 सितंबर तक पक्का मोर्चा लगाया हुआ है।
प्रशासन ने मीटिंग के बाद किसानों को चंडीगढ़ के मटका चौक तक मार्च की परमिशन दे दी है। इसमें एक हजार लोग ही शामिल हो पाएंगे। प्रदर्शन साढ़े तीन बजे शुरू होगा। किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि उन्हें पैदल मार्च की परमिशन मिल गई है। जहां पर वह अपना मांग पत्र सरकार के अधिकारियों को सौंपेंगे। करीब 700 से अधिक पुलिस कर्मी तैनात किए गए है। साथ ही पैरामिलिट्री फोर्स लगाई गई है।
SKM नेता बलबीर सिंह राजेवाल और रूलदू सिंह मानसा ने कहा कि आज महापंचायत की अहम मीटिंग है। इसमें उन मुद्दों पर फोकस किया जा रहा है। जिनकी किसानों की अहम जरूरत है। किसान नेताओं का कहना है कि पानी एक गंभीर मुद्दा है। पानी प्रदूषित हो रहा है। साथ ही भूमिगत जल स्तर गिर रहा है।
इसके अलावा राजस्थान से पानी की रायल्टी का मुद्दा प्रमुख है। DAP खाद की कमी है। राजेवाल ने कहा कि आज पंजाब में खेती संकट है। ऐसे में सभी किसान सभी यूनियन को एकजुट होना चाहिए। किसानों की महापंचायत से आम लोगों को दिक्कत न उठानी पड़े। रूलदू सिंह मानसा ने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ। दिल्ली में भी उगराहां का अलग मंच था।
इसके लिए पुलिस की तरफ से कुछ सड़कों पर ट्रैफिक डायवर्ट किया है। साथ ही लोगों को सलाह दी है कि ट्रैफिक पुलिस के सोशल मीडिया अकाउंट काे फॉलो करे। ताकि उन्हें दिक्कत न उठानी पडे़।