सोमवार को किसानों ने गांव नूरनखेड़ा के पास प्रदर्शन करते हुए तेल सप्लाई की पाइप लाइन का काम बंद करवा दिया। उचित मुआवजा न देने से किसान नाराज हैं। किसान चाहते हैं कि पानीपत के किसानों के बराबर उन्हें भी मुआवजा मिले। ड्यूटी मजिस्टे्रट नायब तहसीलदार अभिमन्यु और पुलिस के अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। किसानों ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी पाइप लाइन नहीं बिछाने देंगे।
एक तेल कंपनी द्वारा पानीपत स्थित रिफाइनरी में तेल की सप्लाई पहुंचाने के लिए उपमंडल के विभिन्न गांवों के खेतों से पाइप लाइन बिछाई जा रही है। यह लाइन धनाना, बनवासा, कोहला, नूरनखेड़ा, गंगाना व अन्य गांवों से बिछाई जाएगी। कंपनी द्वारा किसानों को कलेक्टर रेट के अनुसार मुआवजा दिया जा रहा है। किसानों के अनुसार कंपनी द्वारा गोहाना क्षेत्र में 22 व 28 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है, जबकि पानीपत जिले में किसानों को 72 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है। किसान पानीपत के किसानों के बराबर मुआवजा देने की मांग को लेकर भाजपा नेताओं से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन मांग पूरी नहीं हुई।
सोमवार को किसानों ने गांव कोहला में धरनास्थल पर पंचायत की। इसके बाद किसानों ने गांव नूरणखेड़ा गांव पहुंचकर पाइप लाइन बिछाने का काम बंद करवा दिया। किसान नेता अक्षय नरवाल, हरज्ञान मलिक, बलबीर आदि ने किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की। ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार अभिमन्यु पुलिस अधिकारियों के साथ मोके पर पहुंचे और किसानों ने बातचीत की। अब किसान मंगलवार को एसडीएम अंजलि श्रोत्रिय के साथ बैठक करेंगे।