बांग्लादेश में हाल ही में पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिसंक झड़पें हुईं हैं। दरअसल, प्रदर्शनकारी छात्र विवादित आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। इसके तहत बांग्लादेश के लिए वर्ष 1971 में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्रामियों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित की गईं हैं।
बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन लगातार जारी है। यहां रविवार शाम छह बजे से कर्फ्यू लगा हुआ है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब तक हिंसा में कम से कम 300 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। बिगड़ते हालात को देखते हुए यहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ दिया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबित वह हेलीकॉप्टर से भारत के लिए रवाना हो गई हैं। ऐसा माना जा रहा है कि पीएम हसीना अपने पद से इस्तीफा दे सकती हैं।

बांग्लादेश के हालात नाजुक हो गए हैं। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में घुस गए हैं। वहीं, देश के सेना प्रमुख वकर-उज-जमां जल्द ही देश को संबोधित करने वाले हैं। 

पीएम हसीना के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी सलाहकार के रूप में काम करने वाले जॉय ने चेतावनी दी कि अगर उन्हें कार्यालय से बाहर कर दिया गया तो बांग्लादेश द्वारा की गई प्रगति खतरे में पड़ सकती है। हमारा विकास और प्रगति सब कुछ गायब हो जाएगा। बांग्लादेश वहां से वापसी नहीं कर पाएगा। उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसा नहीं चाहता और आप भी ऐसा नहीं चाहते। मैं जब तक इसे रोक सकता हूं, तबतक ऐसा नहीं होने दूंगा।’

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