सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति केस में ज़मानत दे दी है | अदालत ने सिसोदिया को दो जमानतदारों के साथ 10 लाख रुपये का जमानत बॉन्ड भरने , अपना पासपोर्ट जमा करने और सप्ताह में दो बार सोमवार और गुरुवार को जाँच अधिकारी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिए हैं। अदालत ने उन्हें चेतावनी देते हुए गवाहों को प्रभावित न करने और सबूतों से छेड़छाड़ न करने के आदेश दिए हैं| मनीष सिसोदिया 17 महीने बाद जेल से बाहर आएंगे। उन्हें पिछले साल फरवरी में गिरफ्तार किया गया था।

मनीष सिसोदिया के खिलाफ क्या मामला है?
मनीष सिसोदिया को फरवरी 2023 में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और उसके एक महीने बाद ईडी ने भी उन्हें गिरफ्तार किया था। जुलाई 2022 में दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आबकारी नीति में अनियमिताओं का आरोप लगाया गया था।सिसोदिया के अलावा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और ‘आप’ सांसद संजय सिंह को भी ईडी जाँच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। सिंह जमानत पर बाहर हैं, जबकि दिल्ली के सीएम न्यायिक हिरासत में हैं और तिहाड़ जेल में बंद हैं।सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में सिसोदिया पर “लाइसेंसधारी को निविदा के बाद अनुचित लाभ पहुंचाने के इरादे से सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति से संबंधित सिफारिश करने और निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने” का आरोप लगाया गया है।इस बीच, ईडी द्वारा दर्ज मामले में सिसोदिया पर आबकारी नीति से प्राप्त रिश्वत का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी के 2022 के पंजाब चुनाव अभियान के लिए करने का आरोप लगाया गया है।

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