हरियाणा के कैथल जिले में 18 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले का मामला सामने आया है। यहां अधिकारियों ने मिलीभगत कर कार्यों की गुणवत्ता की अनदेखी करके कुछ काम सिर्फ कागजों में दिखाए गए। इसके अलावा मजदूरों की गिनती दिखाकर फंड का गबन किया गया है।
इस मामले में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 3 मनरेगा मेट्स को सस्पेंड कर दिया है। वहीं JE के कार्यों में गड़बड़ियां पाई गई है। मंगलवार को सांसद नवीन जिंदल की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह मुद्दा उठा था। इसके बाद सांसद ने कार्रवाई के आदेश दिए।
सरस्वती हैरिटेज डिवीजन 3 कैथल के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (एक्सईएन) दिग्विजय शर्मा ने इस मामले की जानकारी देते हुए कहा- सितंबर के महीने में इस मामले की शिकायत मिली थी। मस्टर रोल में कुछ गड़बड़ी पाई गई है। इस मामले को हमने तुरंत BDO ऑफिसर में ट्रांसफर कर दिया। उनकी जांच रिपोर्ट के अनुसार 4 JE शामिल है। इस मामले पर मेरे विभाग द्वारा भी जांच जारी है। जेई से इस मामले पर बात की जाएगी। दोषी पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
कैथल में गुहला के MLA देवेंद्र हंस ने मनरेगा में घोटाले का मुद्दा उठाया था। समीक्षा बैठक में सांसद नवीन जिंदल ने जब मनरेगा के कार्यों की रिपोर्ट मांगी तो अधिकारी ने 2024-25 के दौरान जिले में 18 करोड़ रुपए के कार्य दिखाए। इस पर गुहला विधायक ने सवाल हुए।