कल 6 दिसंबर को किसानों के दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है जिसको लेकर सिरसा के किसान भी कल दिल्ली कूच करने को लेकर कमर कस चुके है। भारतीय किसान एकता और दूसरे किसान संगठन सिरसा के काफी संख्या किसान दिल्ली कूच करेंगे जिसको लेकर सिरसा जिला प्रशासन के हाथ पाँव फूलने शुरू हो गए है। हालांकि सिरसा पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए अभी से ही बेरिकेड्स लगाने शुरू कर दिए है। सिरसा के पुलिस लाइन में पुलिस के जवानों को किसानों से निपटने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान को लेकर सिरसा पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड़ पर दिखाई दे रहा है । सिरसा में अलग-अलग स्थान पर हरियाणा पुलिस की पांच कंपनी तैनात की गई।
BSF की एक टुकड़ी की तैनात गई है । पंजाब राजस्थान बॉर्डर पर पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है । चार डीएसपी, दर्जन भर इंस्पेक्टर सहित कुल 500 अधिकारी व कर्मचारी तैनात रहेंगे ।
भारतीय किसान एकता (बीकेई) के अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों को स्वीकारने की बजाय एक अलग ही माहौल प्रदेश में बना रही है, जिसे लेकर किसानों में सरकार के प्रति भारी रोष है। औलख ने कहा कि 13 फरवरी 2024 से किसान अपनी मांगों को लेकर फिर से धरने पर हैं। संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक व किसान मजदूर मोर्चा की ओर से शांतमयी तरीके से लिए गए निर्णय के मुताबिक किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल किसानों की मांगों को लेकर खनौरी बॉर्डर पर आमरण-अनशन पर बैठे हैं। औलख ने कहा कि किसान निर्धारित रूट के अनुसार ही शंभू मोर्चे से दिल्ली की ओर कूच करेंगे। इसके अलावा किसी अन्य रास्ते से दिल्ली में नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व की भांति सरकार की ओर से सिरसा जिला के आसपास लगते क्षेत्रों में बेरिकेडिंग की जा रही है, जिसके कारण आमजन को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। औलख ने कहा कि पूर्व में भी सरकार ने किसानों को रोकने के लिए प्रमुख मार्गों को अवरोधक व लोहे की कीलें लगाकर रोक दिया था, जिसके कारण आमजन को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ी थी। किसान नहीं चाहते कि उनके कारण आमजन को कोई परेशानी आए। किसान तो शांति से अपने संघर्ष को अंजाम दे रहा है, लेकिन सरकार बार-बार किसानों को आंदोलन के लिए उकसा रही है। सरकार द्वारा पूर्व में आंदोलन के दौरान भी लोगों का काफी नुकसान हुआ था और भविष्य में नुकसान न हो। इसके लिए सरकार को बातचीत से किसानों की समस्याओं का हल करना चाहिए। औलख ने कहा कि देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी किसानों की मांगों को जायज ठहराते हुए सरकार से आह्वान किया कि वे किसानों की मांगों को तुरंत प्रभाव से पूरा करे। किसान अपने हकों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।