पहाड़ों में हुई बर्फबारी के कारण क्षेत्र में जहां शीत लहर चल रही है वहीं मौसम शुष्क हो गया है । बदलते मौसम में शीत हवाओं ने जहां आमजन को प्रभावित किया है वही शीत हवाओं और गिरते तापमान के कारण फसलों पर अत्यधिक प्रभाव पड़ रहा है । गिरते तापमान के कारण जमीन से जुड़ी छोटी फसलों में भोजन बनाने की प्रक्रिया काम हो रही है और प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया पूरी न होने से पौधे की ग्रोथ रुक रही है
इस बारे में जानकारी देते हुए मौसम विशेषज्ञ डॉक्टर देवीलाल ने बताया कि पहाड़ों में बर्फ गिरने के कारण क्षेत्र में शीत लहर चल रही है जिसका असर सीधा-सीधा फसलों पर पड़ रहा है । न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस के आसपास है जिस कारण से पौधों में भोजन बनाने की प्रक्रिया रुक रही है प्रकाश संश्लेषण क्रिया में होने से पौधे की ग्रोथ रुक रही है या फिर पौधे मर रहे हैं । उन्होंने किसानों को जागरुक करते हुए कहा कि किसानों को अपनी फसलों को शीत लहरों से बचने के लिए फसलों की सिंचाई करनी चाहिए या फिर गंधक पोटाश 0.1mm मात्रा में छिड़काव करना चाहिए जिससे पौधे को गर्मी मिलेगी और पौधा मरने से बच जाएगा।
उन्होंने कहा कि इन शीत हवाओं से सरसों की फसल में पाले पड़ने की स्थिति पैदा हो जाती है जिससे निपटने के लिए किसानों को गंधक पोटाश 0.1mmमात्रा में छिड़काव करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाली 5 से 7 दिनों के अंदर तापमान में गिरावट रहेगी और मौसम शुष्क बना रहेगा अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा वही एक हफ्ते के बाद बारिश होने के आसार हैं