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हरियाणा में फरीदाबाद के कोट गांव के पास अरावली की पहाड़ियों में पाषाण काल के अवशेषों के प्रमाण मिले हैं. यहां के पत्थरों और मिट्टी में प्राचीन आदिमानवों द्वारा उपयोग किए गए हथियार और उपकरण दफन हैं. कोट गांव की पहाड़ियों पर 10 किलोमीटर तक विभिन्न स्थानों पर पत्थरों पर चिन्ह पाए गए हैं. यह स्थान पुरातात्विक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है.

पुरातत्व विभाग से जुड़े विशेषज्ञ तेजवीर ने बताया कि इन पहाड़ियों में कौर नामक स्थल मिले हैं. कौर वे स्थान होते हैं जहां आदिमानवों ने पत्थरों से औजार बनाने का काम किया था. यह कौर  पलियोलिथिक की होती हैं जो मिलियन वर्ष पुराने हैं. यहां से हैंड एक्स, क्लेवस, स्क्रैपर, चॉपर, और हैमर जैसे औजार बनाए जाते थे. यह उपकरण शिकार, खनन, और अन्य दैनिक गतिविधियों के लिए उपयोग किए जाते थे.

 

 

 तेजवीर का मानना है कि यदि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) इस क्षेत्र पर व्यवस्थित तरीके से खुदाई करता है, तो यहां से पाषाण काल के कई अद्भुत अवशेष प्राप्त हो सकते हैं. मिट्टी के अंदर दबे इन अवशेषों की प्राचीनता और महत्व को ध्यान में रखते हुए यहां बड़े पैमाने पर अनुसंधान और संरक्षण की आवश्यकता है.

अरावली की पहाड़ियां भारतीय इतिहास की अमूल्य धरोहर हैं. कोट गांव में मिले ये अवशेष केवल क्षेत्रीय महत्व तक सीमित नहीं हैं बल्कि यह भारत के प्राचीन इतिहास को समझने में नई जानकारी प्रदान करेंगे. यदि यहां की खुदाई को वैज्ञानिक तरीके से पूरा किया जाए तो यह स्थान पाषाण काल के विकास और आदिमानव की जीवनशैली को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन सकता है.

कोट गांव की पहाड़ियों में दफन पाषाण काल के औजार और अवशेष भारत के प्राचीन इतिहास की अनमोल धरोहर हैं. इनका संरक्षण और अध्ययन न केवल अतीत को समझने में मदद करेगा, बल्कि इतिहास के नए पन्नों को उजागर करेगा. पुरातत्व विभाग और सरकार को मिलकर इस स्थान के महत्व को पहचानते हुए यहां उचित कदम उठाने चाहिए.

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