दिल्ली में दंपती का हुलिया बदलकर कनाडा भेजने की कोशिश करने के मामले में आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने फरार एजेंट को गिरफ्तार किया है। पुलिस इस मामले में शामिल चार एजेंटों को पहले गिरफ्तार कर चुकी है। बुजुर्ग का हुलिया बनाए दंपती पर शक होने पर आईजीआई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया था। पकड़े गए एजेंट की पहचान गांव अकालपुर बरेली यूपी निवासी भूपेंद्र सिंह उर्फ विक्की के रूप में हुई है।
18 जून को 67 साल के रशविंदर सिंह अपनी पत्नी के साथ कना़डा जाने के लिए दिल्ली के हवाई अड्डे पर पहुंचे। यात्रा दस्तावेज के दौरान अधिकारियों ने पाया कि उनकी आवाज उम्र से मेल नहीं खा रही थी। साथ ही त्वचा से भी वह काफी युवा लग रहे थे। चेहरे पर कोई झुर्रियां नहीं थी। शक होने पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की। पता चला कि असल में वह गुरुद्वारा आर्य नगर, मोती नगर, लखनऊ, यूपी निवासी 24 साल के गुरुसेवक सिंह हैं।
उन्होंने बताया कि वह एजेंट के कहने पर बुजुर्ग व्यक्ति के पासपोर्ट से कनाडा जाने की कोशिश कर रहे थे। इसके लिए एजेंटों ने उनका हुलिया बदल दिया था। गुरुसेवक और उसकी पत्नी को पुलिस के हवाले कर दिया गया। आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने इनके खिलाफ फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज कर इन्हें गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी यात्री से पूछताछ में पता चला कि वह पत्नी अर्चना कौर के साथ बेहतर आजीविका के लिए अमेरिका जाना चाहते थे। एक दोस्त के जरिए एजेंट जगजीत सिंह उर्फ जग्गी से मिले। जिसने उसे पत्नी के साथ 60 लाख रुपये में कनाडा के रास्ते अमेरिका भेजने का आश्वासन दिया। यात्री ने एजेंट जग्गी को 30 लाख रुपये दिए। बाकी रकम वहां पहुंचने के बाद देना तय हुआ। एजेंट ने सहयोगियों की मदद से उसके लिए 67 साल के रशविंदर सिंह पत्नी के लिए हरजीत कौर नाम की महिला के पासपोर्ट का इंतजाम किया। एजेंट जग्गी के निर्देश पर उसका एक साथी दंपति को दिल्ली के एक सैलून में ले गए। जहां पासपोर्ट धारक रशविंदर सिंह की तस्वीर से मिलता-जुलता रूप देने के लिए उसे बूढ़े व्यक्ति का मेकअप करवाया।मामले की जांच करते हुए पुलिस ने चार एजेंटों पीलीभीत यूपी निवासी जगजीत सिंह, रुद्रपुर, उत्तराखंड निवासी गुरमुख सिंह, पीलीभीत निवासी परमबीर सिंह और किरणदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में भूपेंद्र सक्रिय रूप से शामिल पाया गया। उसने ही यात्रियों के लिए पासपोर्ट का इंतजाम किया था। उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट की कार्रवाई शुरू की गई। निरीक्षक केदार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने तकनीकी जांच कर भूपेंद्र सिंह को दिल्ली के एक ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया।