ममता की मूर्ति कहलाने वाली मां इतनी बेरहम हो गई कि जन्म देने के बाद नवजात बच्ची का चेहरा देखने भी नहीं आई। अपनी दुधमुंही बच्ची को एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में छोड़कर चली गई। बच्ची का कथित नाना भी तीन दिन तक देखभाल करने के बाद गायब हो गया। उनका दिया पता फर्जी निकला। करीब एक माह से बच्ची की चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ देखभाल करता रहा। अब उसे शिशु गृह भेजा गया है।
एसएन मेडिकल कालेज के प्रसूति विभाग मे 13 अक्तूबर को निशा उपाध्याय निवासी डिप्टी जगन्नाथ प्रसाद, गोविंद नगर, मुरादाबाद को प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। आधार कार्ड में भी यही पता था। निशा ने बेटी को जन्म दिया, नवजात को सांस लेने में दिक्कत होने पर उसे बाल रोग विभाग में एनआईसीयू में भर्ती कराया गया था। देखभाल के लिए बच्ची के नाना महेशचंद वार्ड में तीन दिन तक रहे थे। इसके बाद नाना ने आना बंद कर दिया। बाल रोग विभाग के स्टाफ ने प्रसूति विभाग में नवजात की मां के बारे में जानकारी की ताे पता चला कि वह भी बिना बताए वहां से चली गई है।
इंस्पेक्टर एमएम गेट अजब सिंह ने बताया कि मेडिकल कालेज प्रशासन ने 21 अक्तूबर को थाने में सूचना दी। इसके बाद मुरादाबाद पुलिस से संपर्क कर निशा का पता लगाया तो मुरादाबाद में नाम-पता सही नहीं निकला। मेडिकल कालेज प्रशासन और पुलिस ने नवजात को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया। बाल कल्याण समिति ने नवजात को शिशु गृह में रखने के निर्देश दिए। इस पर बच्ची को भेज दिया गया।a

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