देश भर के मेडिकल संस्थानों में दाखिले के लिए होने वाली नीट परीक्षा में गड़बड़ी की जांच नए खुलासे हो रहे हैं. अब नीट पेपर लीक जांच की आंच संगम नगरी प्रयागराज तक पहुंच गई है. बिहार की मुजफ्फरपुर पुलिस ने सॉल्वर बैठाने के आरोप में प्रयागराज के एक डॉक्टर और उसके बेटे की तलाश में छापेमारी की है. छापेमारी में डॉक्टर और उसके बेटे को बिहार पुलिस पकड़ नहीं सकी है. आरोपी डॉक्टर के बारे में जानकारी मिली है कि वह ऑर्थोपेडिक सर्जन है और नैनी इलाके में अस्पताल चलाते हैं.
आरोपी डॉ आरपी पांडेय का नैनी के एडीए कॉलोनी में अक्षय वट हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर है. डॉक्टर ने अपने बेटे को नीट की परीक्षा दिलाने के लिए आवेदन फॉर्म भरा था. इसके लिए डॉक्टर पहले से ही सॉल्वर गैंग के संपर्क में था. उसके बेटे का सेंटर बिहार के मुजफ्फरपुर के डीएवी कॉलेज में पड़ा था. डॉक्टर ने सॉल्वर गैंग से संपर्क साधकर जोधपुर एम्स के एमबीबीएस छात्र हुकमा राम को बेटे की जगह परीक्षा देने के लिए तैयार किया. उसका फर्जी आधार कार्ड भी सॉल्वर गैंग ने ही बनवाया था. लेकिन परीक्षा देते हुए सॉल्वर हुकमा राम पकड़ लिया गया था. पूछताछ में उसने प्रयागराज के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर आरपी पांडेय के बारे में जानकारी दी थी और बताया कि सॉल्वर गैंग ने उसे डॉक्टर के बेटे राज पांडेय के बदले परीक्षा देने के लिए चार लाख रुपए दिए थे. हालांकि, पूछताछ के दौरान सरकारी अमले की लापरवाही के चलते सॉल्वर हुकमा राम फरार हो गया था.
इसके बाद बिहार पुलिस ने प्रयागराज के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर आरपी पांडेय और उसके बेटे राज पांडेय की तलाश में तकरीबन एक हफ्ते पहले छापेमारी की. लेकिन आरोपी डॉक्टर लगातार फरार बताया जा रहा है. आरोपी डॉक्टर के अस्पताल के स्टाफ ने पूछताछ में बताया है कि डॉक्टर लंबे समय से अस्पताल नहीं आ रहे हैं.
अस्पताल के स्टाफ का दावा है कि वह किसी निजी काम से बाहर गए हुए हैं.