नोएडा में साइबर ठगों ने IT इंजीनियर युवती के साथ करीब पांच लाख रुपए की ठगी कर ली। तीन घंटे तक युवती को डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया। निजी बैंक से लोन लेकर तीन बार में जालसाज़ के बताए गए खाते में युवती ने रकम ट्रांसफर की।
पीड़िता ने मामले की शिकायत सेक्टर-58 थाने की पुलिस से की है। जिन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई है, पुलिस उन खातों की जानकारी एकत्र कर रही है। जिन खातों में रकम गई है वे कामगारों के बताए जा रहे हैं।

मूलरुप से आगरा की रहने वाली स्वेता सविता ने बताया कि वर्तमान में वह सेक्टर-62 स्थित यारौज अपार्टमेंट में रह रही हैं। सेक्टर-62 स्थित आईटी कंपनी में ही इंजीनियर हूं। 27 अगस्त को स्वेता जब कमरे पर थीं तभी उसके  मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आई।
कॉलर ने बताया कि वह कस्टम विभाग से बोल रहा है और सविता के नाम से भेजे जा रहे पार्सल में आपत्तिजनक सामान होने की बात कही। बताया गया कि शिकायतकर्ता की पहचान का गलत इस्तेमाल हुआ है। ऐसे में मनी लॉन्ड्रिंग समेत अन्य केस भी दर्ज करने की तैयारी है।

इन सबसे बचने के लिए कस्टम अधिकारी ने वीडियो कॉल के जरिए पूछताछ करने का विकल्प दिया। युवती के हामी भरते ही कॉल मुंबई पुलिस के अधिकारी को ट्रांसफर कर दी गई। जांच की प्रक्रिया बताकर ठगों ने युवती से बैंक संबंधी जानकारी हासिल कर ली।
युवती ने जब कहा कि उसके खाते में ज्यादा रकम नहीं है, तो ठगों ने पांच लाख रुपए का लोन लेने का दबाव बनाया। कहा गया कि अगर पांच लाख रुपए तीन खातों में ट्रांसफर नहीं हुए तो गिरफ्तारी 24 घंटे के भीतर भी हो सकती है।

इंजीनियर युवती ने इसके बाद एक निजी बैंक से पांच लाख रुपए का लोन लिया और ठगों द्वारा बताए गए तीनों खातों में चार लाख 91 हजार 500 रुपए ट्रांसफर कर दिए। इस दौरान युवती से यह भी कहा गया कि आरबीआई रकम और खातों की जांच करने के बाद पैसे शिकायतकर्ता के मूल खातों में वापस कर देगी और एक क्लीयरेंस सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा ताकि भविष्य में उसे कोई परेशानी न हो।

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