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मौसम विभाग ने आदेश जारी किया है कि मैदानी इलाकों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई, वहीं विभाग ने कहा कि अब कल से मौसम साफ रहेगा, दिन में धुप खिलेगी. साथ ही सुबह शाम धुंद का प्रकोप जारी रहेगा. विभाग ने कहा कि अब आगे तेज ठंड और कोहरा पड़ने के पूरे आसार है. 

वहीं ताजा पश्चिमी विक्षोभ के असर से मैदानी इलाकों में आज समेत बीते 2 दिनों से बढ़िया बरसात का प्रदर्शन हुआ है। कई शहरों में दिसंबर के महीने में इतिहास की पहली भारी बारिश हुई तो कही सालो बाद के रिकॉर्ड टूटे

जानिए कहां कहां बारिश ने तोड़े रिकॉर्ड

पूरे उत्तर और मध्य भारत के इस सिस्टम से सबसे ज्यादा बारिश वाले इलाकों दक्षिणी दिल्ली NCR वाले रहे। जिसके चलते दिल्ली स्थित Ridge IMD की Observatory में दिसंबर महीने की इतिहास की अबतक की सबसे भारी बारिश हुई।

• मध्यप्रदेश के रीवा में पिछले 24 घंटों में हुई भारी बारिश ने दिसंबर महीने के सारे रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया है। रीवा में पिछले 24 घंटे के अंदर 107mm बारिश हुई है। इससे पहले 44 साल पहले 35.6mm बारिश 24 दिसंबर 1980 को हुई थी।

• राजस्थान के भरतपुर शहर में आज सुबह 8:30 बजे तक 23mm बारिश रिकॉर्ड हुई है। जो कि शहर की दिसंबर महीने में हुई अब तक की सबसे भारी बारिश है। भरतपुर में इससे पहले सबसे भारी बारिश 23 दिसंबर 1980 को 16.4mm हुई थी।

• हरियाणा के नारनौल में आज 55.2mm बारिश दर्ज की गई है। जो कि शहर में दिसंबर महीने में हुई आज तक की सबसे भारी बारिश है। इससे पहले 40.1mm की भारी बारिश 57 साल पहले 24 दिसंबर 1967 को हुई थी।

• उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आज 49mm बारिश रिकार्ड की गई है। जो कि मुजफ्फरनगर शहर दिसंबर महीने में दर्ज हुई आज तक की सबसे भारी बारिश है। इससे पहले पुराना रिकॉर्ड 26.6mm बारिश का 26 दिसंबर 1989 को दर्ज हुआ था।

• आज Ridge दिल्ली में 21 साल बाद 46.8mm बारिश हुई। जो कि दिसंबर महीने के इतिहास की सबसे भारी बारिश बन चुकी है। पिछला रिकॉर्ड 30mm बारिश के साथ 16 दिसंबर 2003 को दर्ज था।

• दिल्ली के ही सफदरगंज एयरपोर्ट पर 101 साल बाद सबसे भारी बारिश हुई, आज सफदरजंग में 41.2mm बारिश हुई। सफदरगंज में दिसंबर की सबसे अधिक बारिश का रिकॉर्ड 75.7mm बारिश 03 दिसंबर 1923 के नाम पर है।

• दिल्ली के ही पालम एयरपोर्ट यानि इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आज 39.1mm बारिश हुई। जो 5 साल बाद की सबसे भारी बारिश है। पिछला रिकॉर्ड 40.2mm बारिश के साथ 13 दिसंबर 2019 को दर्ज किया गया था।

• रोहतक में भी बारिश ने 57 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा, आज रोहतक में 41mm बारिश हुई। इससे पहले 24 दिसंबर 1967 को 55mm बारिश हुई थी।

• मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम में भी 96 सालो का रिकॉर्ड टूट चुका है। आज नर्मदापुरम में 53.4mm बारिश हुई, जो दिसंबर महीने के इतिहास की दूसरी सबसे भारी बारिश बन चुकी है। पिछला रिकॉर्ड 109.7mm बारिश 96 साल पहले यानी 07 दिसंबर 1928 को हुई

• मध्यप्रदेश के ही खंडवा में भी 62 सालो का रिकॉर्ड ध्वस्त हुआ है। आज खंडवा में 42mm बारिश हुई है, जो कि दिसंबर महीने के थी। इतिहास की तीसरी सबसे अधिक बारिश रिकार्ड में दर्ज हुई है। इससे पहले भारी बारिश 71.6mm 04 दिसंबर 1962 को दर्ज हुई थी।

• राजस्थान के अलवर शहर में भी 42 सालों का रिकॉर्ड टूटा है। अलवर शहर में बीते 24 घंटे के अंदर 18.8mm बारिश रिकार्ड की जा चुकी है। जो की दिसंबर महीने के इतिहास की तीसरी सबसे भारी बारिश है। इससे पहले 28 दिसंबर 1982 को 26.0mm बारिश रिकार्ड हुई थी।

• मध्य प्रदेश में महाकाल नगरी उज्जैन में पिछले 24 घंटे के अंदर 31mm बारिश रिकार्ड हुई है। जो कि 57 सालों बाद दिसंबर महीने में हुई सबसे भारी बारिश है। इससे पहले 35.3mm बारिश 11 दिसंबर 1967 को हुई थी।

इसी के साथ राजस्थान के अजमेर में 57 साल बाद, सीकर और पिलानी में 44 साल बाद, मध्यप्रदेश के सागर में 46 साल बाद, खजुराहो में 27 साल बाद, नौगांव छतरपुर में 9 साल बाद, उत्तर प्रदेश के मेरठ में 21 साल बाद रिकार्ड तोड़ बरसात हुई है।

आज भी उत्तर हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड, मध्य प्रदेश और पूर्वाचल के इलाको में कही हल्की कही तेज बारिश हुई है। कुछ जगह 24 घंटों वाली बारिश के रिकॉर्ड भी टूट चुके हैं। जिसमें मध्य प्रदेश का उमरिया जैसे शहर शामिल है।

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