हरियाणा में 2 साल पहले चीका से कैथल तक जाने वाले स्टेट हाईवे का निर्माण तो सरकार ने कर दिया, लेकिन सड़क ने केवल डेढ़ साल में ही दम तोड़ दिया। सड़क की बदतर हालत लोगों के लिए दुर्घटनाओं का कारण बन रही है, लेकिन प्रशासन इस मामले से बेखबर है। धुंध व कोहरे के चलते सड़क में बने गहरे गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं। दूसरी ओर डेढ़ वर्ष में ही सड़क टूटकर खंडर होने से प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। इस मार्ग से अधिकारी ही नहीं, बल्कि सरकार के मंत्री व चंडीगढ़ सचिवालय में बैठे उच्चाधिकारी भी आते-जाते हैं, लेकिन किसी ने इस सड़क की सुध नहीं ली।
इस संबंध में किसान नेता हरदीप बदसूई, दलबीर नैन, अधिवक्ता राज सीड़ा, पार्षद काला पहलवान, दीपक, सतीश कुमार आदि ने कहा कि जब प्रशासनिक अधिकारी आए दिन इस मार्ग से गुजरते हैं तो फिर वे सड़क में बने गहरे गड्ढों की तरफ ध्यान क्यों नहीं देते? क्या प्रशासन दुर्घटनाओं का इंतजार कर रहा है? चीका से कैथल तक करीब 30 किलोमीटर तक बनी सड़क में एक किलोमीटर का टुकड़ा भी ऐसा नहीं बचा है, जिसमें कोई गड्ढा न हो।
स्थानीय लोगों जितेंद्र, वेदप्रकाश, हाकम सिंह, सुरेश कुमार, प्रवीण, रोहताश आदि ने आरोप लगाया कि विभागीय अधिकारियों व ठेकेदार की आपसी मिलीभगत के कारण मार्ग में सरकारी नियमानुसार सामग्री का प्रयोग नहीं किया गया, जिस कारण यह डेढ़ वर्ष में ही दम तोड़ गया। इससे सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार की बू आ रही, क्योंकि ठेकेदार व उच्चाधिकारियों में सांठगांठ के चलते इसके निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है। मुख्यमंत्री को चाहिए कि इस मामले की बारीकी से जांच करवाई जाए, ताकि भ्रष्ट अधिकारियों के चेहरों से पर्दा हट सके।
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