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रोहतक 26 दिसंबर। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में आज वीर बाल दिवस तथा शहीद उधम सिंह जयंती पर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। बाल शहीद जोरावर सिंह, बाल शहीद फतेह सिंह तथा शहीद उधम सिंह के पोर्टªेट पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण विभाग के तत्वाधान में आयोजित वीर बाल शहीद स्मृति नमन संगोष्ठी में एमडीयू रजिस्ट्रार प्रोफेसर गुलशन लाल तनेजा ने बाल शहीदों – जोरावर सिंह, फतेह सिंह तथा शहीद उधम सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा सुनिश्चित करने का संकल्प दिवस है। प्रोफेसर तनेजा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह््वान पर सन 2022 से वीर बाल दिवस मनाया जा रहा है। रजिस्ट्रार प्रोफेसर तनेजा ने सिख गुरूओं के इतिहास बारे प्रकाश डालते हुए कहा कि सिख धर्म मानवीयता का पाठ हमें सिखाता है। उन्होंने कहा कि वीर बाल शहीदों की शहादत प्रेरणादायी है।
इस संगोष्ठी के मुख्य वक्ता विश्वविद्यालय के निदेशक जनसंपर्क सुनीत मुखर्जी ने बाल शहीद जोरावर सिंह तथा फतेह सिंह की शहादत को साहस, शौर्य तथा मानवीय धर्म के प्रति अटूट आस्था का बेमिसाल उदाहरण बताया। सुनीत मुखर्जी ने कहा कि गुरू तेग बहादुर के बलिदान से लेकर वीर बाल शहीदों की शहादत तथा शहीद उधम सिंह की शहादत युवा वर्ग के लिए प्रेरणाप्रद है जो हमें सिखाता है कि समाज तथा राष्ट्र के सरोकार सर्वोपरि हैं। ’’जो लड़े दीन के हेत सूरा सोहि,  पुर्जा पुर्जा कट मरे कबहुॅ न छोड़ें खेत’’ का परिचायक इन महान शहीदों का जीवन दर्शाता है। सुनीत मुखर्जी ने प्रेरणादायी कविता ’एक पुष्प की अभिलाषा’ का सस्वर पाठ कर विद्यार्थियों को प्रेरित किया।
इस संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि गणित विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर जितेंद्र सिंह सिक्का ने कहा कि खेलने कूदने की उम्र में बाल शहीद जोरावर सिंह तथा फतेह सिंह ने अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। इन दोनों वीर शहीदों को दीवार में चिनवाया गया परंतु उनके चेहरे पर शिकन तक न थी। ऐसे साहसी, राष्ट्र धर्म प्रेम से सराबोर शहीदों की शहादत को प्रोफेसर सिक्का ने शत-शत नमन किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर रणदीप राणा ने स्वागत भाषण दिया । प्रोफेसर रणदीप राणा ने कहा वीर बाल शहीदों की शहीदी हमारे राष्ट्र के शहीदी परंपरा की अनूठी मिसाल है। आभार प्रदर्शन निदेशक युवा कल्याण डॉक्टर प्रताप सिंह राठी ने किया। इस संगोष्ठी कार्यक्रम में बेहतरीन मंच संचालन एमडीयू की यूथ रेड क्रॉस कार्यक्रम समन्वयिका तथा निदेशक आउटरीच प्रोफेसर अंजू धीमान ने किया।
डीन (आर एंड डी ) प्रोफेसर अरुण नंदा ने भी इस अवसर पर विचार साझा किया तथा सिख धर्म तथा गुरू ग्रंथ साहब के समावेशी पहलुओं पर प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम में चीफ वार्डन बॉयज प्रोफेसर सत्यवान बडौदा, डीन सीडीसी प्रोफेसर विनीता हुड्डा, प्रोफेसर हरीश कुमार, प्रोफेसर राजीव कुमार, प्रोफेसर दलीप सिंह, प्रोफेसर राहुल ऋषि, प्रोफेसर अश्विनी ढींगडा, डॉक्टर कपिल मल्होत्रा, डॉ रविंद्र कुमार, पवन मल्होत्रा समेत विश्वविद्यालय कर्मी, शोधार्थी, यूथ एंड रेड क्रॉस वॉलिंटियर्स उपस्थित रहे।

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