चंडीगढ़ में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां दुर्घटना में ब्रेन डेड हुए शख्‍स के परिवार ने अंगदान का साहसिक फैसला लेकर 3 लोगों की जान बचा दी है. दरअसल चंडीगढ़ सेक्टर-28 निवासी सुदेश कुमार सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उनके सिर में चोटें आईं थीं. उन्‍हें तमाम कोशिशों के बावजूद ब्रेन डेड हो जाने के कारण बचाया जाना संभव नहीं था, ऐसे में उनकी पत्‍नी ने अंगदान का बड़ा फैसला लिया और इसके बाद अलकेमिस्‍ट अस्‍पताल ने मरणोपरांत अंगदान करवाने की प्रक्रिया पूरी करवाई.
अलकेमिस्ट अस्पताल के किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डा. नीरज गोयल ने बताया कि यहां सुदेश कुमार के परिवार ने अंगदान का बड़ा उदाहरण पेश किया है. इससे तीन लोगों को नई जिंदगी मिलेगी. सुदेश कुमार का लीवर मैक्स हॉस्पिटल दिल्ली, एक किडनी रोहतक और दूसरी किडनी अल्केमिस्ट अस्पताल में ही ट्रांसप्लांट की जाएगी. उन्‍होंने कहा कि अंगदान से बढ़कर कोई दान नहीं हो सकता. चंडीगढ़ सेक्टर-28 के सुदेश कुमार अपने घर लौट रहे थे कि उन्‍हें कार ने टक्‍कर मार दी थी. इससे उनके सिर में चोटें आईं थीं.
सुदेश कुमार की पत्नी मंजूबाला ने पहले परिवार और फिर अस्‍पताल से अंगदान के लिए बात की ताकि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को नया जीवन मिल सके. मंजूबाला ने कहा कि मेरे पति बहुत अच्‍छे इंसान थे. वे अपने जीवन में लोगों की मदद और सेवा करते रहे और मरने के बाद भी उन्‍होंने 3 परिवारों को खुशियों से भर दिया है. उनके अंग दान करने का फैसला कठिन था, लेकिन परिवार ने यह स्‍वीकार कर लिया और डॉक्‍टर्स ने भी कठिन ऑपरेशन करते हुए 3 लोगों को नया जीवन दिया. मंजूबाला ने कहा कि पति के बारे में ऐसा सोचना भी नहीं सकते, लेकिन ईश्‍वर ने शक्ति दी और हमारे परिवार ने यह फैसला किया. अब उनके हार्ट और किडनी के कारण 3 अलग-अलग लोगों के जीवन में नई रोशन आएगी. अंगदान से बड़ा कोई और दान नहीं हो सकता.

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